Online Fraud: फर्जी आधार एवं पैन कार्ड बनाने वाले गिरोह का भांडाफोड़, गिरोह के 3 सदस्य गिरफ्तार

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Lucknow Samachar 13 जुलाई 2023: बुधवार को वाराणसी साइबर क्राइम थाने की टीम ने वेबसाइट बनाकर Online Fraud करने वाले करने वाले गैंग के 3 सदस्यों को राजधानी से गिरफ्तार किया है। 2 महीने पहले गैंग के 9 सदस्य गिरफ्तार किये जा चुके हैं। वेबसाइट के जरिये साइबर अपराधी जाली आधार एवं पैन कार्ड बनाकर बैंक अकाउंट खुलवाते हैं, एवं सिम भी लेते हैं। जिनका उपयोग Online Fraud व् अन्य अपराध में करते हैं।

एसपी (साइबर क्राइम) प्रो. त्रिवेणी सिंह ने बताया कि, शिवरतनगंज अमेठी के निवासी सुशील कुमार, गया बिहार के मोहम्मद इरशाद एवं पूर्वी चंपारण बिहार निवासी अफजल आलम को टीम ने गिरफ्तार किया है। इनके गैंग के 3 साथी और अभी फरार हैं। जिनके ऊपर 25 -25 हजार का इनाम घोषित है।

इसमें साजित, हरिओम एवं आकाश नाम का आरोपी सम्मिलित है। एसपी (साइबर क्राइम) के अनुसार, अनेकों अलग-अलग वेबसाइट पुरे गैंग ने बना रखीं हैं। ये यूजर बेस वेबसाइट हैं। यानि कोई व्यक्ति अपना नाम मोबाईल नंबर, ईमेल इत्यादि डालकर अपना अकाउंट बना सकता है।

इसके पश्चात कोई भी आधार कार्ड नंबर डालकर जाली नाम व् पता एवं जाली फोटो डालकर आधार कार्ड बनाते थे। एवं पैन कार्ड नंबर डालकर पैन कार्ड भी बनाते थे। वेबसाइट से बने दोनों जाली कार्ड हूबहू असली की तरह प्रिंट होते थे। इसका उपयोग साइबर अपराधी Online Fraud में करते हैं।

ये दोनों दस्तावेज तैयार करके उस पर बैंक अकाउंट खुलवाते थे, एवं सिंम लेते हैं। जिसका उपयोग धोखाधड़ी में करते हैं। इसके बदले में आरोपियों को प्रति पैन व् आधार कार्ड का मात्र 40/-रूपये मिलता है। जो ऑनलाइन ट्रांसफर किया जाता है। ये इसके लिए अपना ही एक पेमेंट गेटवे का उपयोग करते हैं।

हजारों में पैन व् आधार कार्ड बनाते थे -Online Fraud

एसपी (साइबर क्राइम ) के अनुसार, इस तरह ये आसानी से 20 से 25 हजार रूपये बैठकर कमा लेते हैं। एक-एक अपराधी कई-कई सिम व् अनेक अकाउंट खुलवाते हैं। इस कारण काफी संख्या में दस्तावेज बनाते हैं। सूत्रों के अनुसार, गिरोह के काफी सदस्य साइबर स्कैम के गिरोह चला रहे हैं। जो इन जाली पैन व् आधार का उपयोग करते हैं। एवं पुलिस से बचने के लिए जाली आईडी का इस्तेमाल करते हैं।

अभी तक Online Fraud की 9 वेबसाइट के बारे में पता चला

अभी तक साइबर क्राइम थाने की टीम की जाँच में पता चला है कि, गैंग के लोग 9 वेबसाइट चला रहे थे। चूँकि अनेक आरोपी अभी फरार हैं। इसलिए हो सकता है कि, ये संख्या बढ़ सकती है। साइबर अपराधियों के गैंग को इन वेबसाइट के बारे में पूरी जानकारी है। इस कारण कुछ रूपये देकर वो दस्तावेज तैयार करवाते हैं। फिर लाखों-करोड़ों का स्कैम करते हैं।

Online Fraud करके यूआईडीएआई एवं एनएसडीएल का डाटा खरीदते थे

एसपी (साइबर क्राइम ) के अनुसार, आरोपियों ने बताया कि, यूआईडीएआई व् एनएसडीएल द्वारा अधिकृत डाटा चुराकर डार्कवेब एवं टेलीग्राम पर साइबर अपराधी बेचते हैं। ये डाटा ये आरोपी खरीदते थे। जिससे आधार नंबर एवं पैन कार्ड एवं अन्य जानकारियां इनको मिल जाती थीं। ये डाटा ये अपनी वेबसाइट पर अपलोड करते थे। और वेबसाइट के यूजर आसानी से आधार एवं पैन नंबर प्राप्त कर लेते थे। जिसके द्वारा ये जाली आधार एवं पैन कार्ड बना लेते थे।