लखनऊ 18 दिसम्बर 2022: इलाहाबाद उच्च न्यायलय की लखनऊ बेंच ने आयकर विभाग के सम्बन्ध में एक अहम निर्णय दिया है। अदालत ने आयकर विभाग के उपायुक्त हरीश गिडवानी को अवमानना के सम्बन्ध में 7 दिन कारावास की सजा दी है। इसके अतिरिक्त 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना नहीं भरने पर अफसर को एक अतिरिक्त दिन कारावास में रहना होगा।
अदालत ने अधिकारी को आदेश दिया है कि वह 22 दिसंबर को दोपहर तीन बजे अदालत के वरिष्ट रजिस्ट्रार के समक्ष हाजिर हों ,जहां से उन्हें कारागार भेजा जायगा। उच्च न्यायलय के इस सख्त निर्णय के पश्चात आयकर विभाग में भूचाल आ गया है। विभाग में उच्च अधिकारी पर अदालत की इस कार्यवाही के सम्बन्ध में चारो ओर बात हो रही है।
ये आदेश न्यायाधीश इरशाद अली की खंडपीठ ने प्रशांत चंद्रा की तरफ से दायर एक अवमानना की अपील पर दिया। वादी के अनुसार, उसे लखनऊ में आयकर विभाग ने वर्ष 2011-12 हेतु लगभग 52 लाख रुपये का मूल्यांकन नोटिस भेज दिया था ,जबकि उन्होंने अपना आयकर दिल्ली से भरा था।
अदालत के आदेश की अवमानना
उनकी अपील पर उच्च न्यायलय ने 31 मार्च 2015 को नोटिस एवं अन्य आदेश निरस्त कर दिए थे। वादी का आरोप है कि अदालत के आदेश के पश्चात भी आयकर विभाग की वेबसाइट पर बकाया नोटिस 7 माह तक दिखता रहा , जिससे उनके सम्मान को बहुत क्षति पहुँची।
इस पर अदालत ने कहा कि ,इस मामले में गिडवानी ने अदालत के आदेश के पश्चात भी वादी को तकलीफ देने के विचार से बकाया नोटिस वेबसाइट से नहीं हटाया। इस सम्बन्ध में सिर्फ जुर्माना ही काफी नहीं है बल्कि अवमानाकारी गिडवानी को जेल भेजने से ही न्याय की प्राप्ति होगी।