अब कम जनसंख्या वाले शहरों में भी बनाई जाएँगी आवासीय कालोनी, 12.5 एकड़ क्षेत्रफल में बनेंगी आवासीय कालोनियां

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Lucknow Samachar 16 मार्च 2023: नई नीति के अनुसार, बड़े शहरों के साथ ही अब 2 लाख से कम जनसँख्या वाले शहरों में भी आवासीय कॉलोनियां बसाई जा सकेंगी। बड़े शहरों हेतु 25 एकड़ एवं कम जनसँख्या वाले शहरों हेतु 12.5 एकड़ क्षेत्रफल तय किया गया है।

जिससे भूमि का प्रबंध करने में विकासकर्ता को कोई परेशानी न हो। साथ ही अधिकतम 500 एकड़ क्षेत्रफल के दायरे को बड़े शहरों में खत्म किया जा रहा है। इसके लिए सरकार ‘इंटीग्रेटेट टाउनशिप नीति-2014’ में व्यापक संशोधन करते हुए नई ‘उप्र टाउनशिप नीति-2023’ लाने जा रही है। कैबिनेट में शीघ्र ही नई नीति को रखकर स्वीकृति प्रदान की जाएगी ।

मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष प्रमुख सचिव आवास नीतिन रमेश गोकर्ण ने नई टाउनशिप नीति का प्रस्तुतिकरण किया नई नीति को सैद्धांतिक सहमति देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि, नई नीति में पुलिस स्टेशन तथा पर्याप्त पार्किंग, पार्क व हरित पट्टियों में बागवानी हेतु जल संरक्षण, पार्कों के पास शॉपिंग कॉम्पलेक्स की व्यवस्था हो। उन्होंने बताया कि, नई टाउनशिप नीति के निर्धारण के पूर्व की नीतियों के बाधक पहलुओं को हटाकर नीति को आसान बनाने के निर्देश दिए हैं। 

ग्राम समाज एवं सरकारी भूमि के संबंध में दूसरे जगह पर जमीन छोड़ने की दी जा सकेगी स्वीकृति

ग्राम समाज एवं सरकारी भूमि के संबंध में दूसरे जगह पर जमीन छोड़ने की स्वीकृति दी जा सकेगी। अधिकतम 60 दिन की समय सीमा इस कार्यवाही को पूर्ण करने हेतु तय की गयी है। विकासकर्ता को संबंधित भूमि को छोड़ते हुए परियोजना का मानचित्र प्रस्तुत करने का अधिकार इस समय सीमा में विनिमय की कार्यवाही न होने की स्थिति में होगा। संबंधित मंडलायुक्त को ग्राम समाज की भूमि के विनिमय का अधिकार होगा ।

स्टांप फीस में 50% की छूट देने का प्रावधान

 भूमि पर स्टांप शुल्क में 50% की छूट देने का प्रावधान नई नीति में आंध्र प्रदेश के आधार पर टाउनशिप का लाइसेंस जारी होने के पश्चात खरीदी जाने वाली भूमि पर किया गया है। स्टांप फीस में पूर्ण छूट हाईटेक टाउनशिप नीति में प्राप्त होती थी।

 20% तक परिवर्तन की छूट देने का प्रावधान

 नई नीति में 20% तक परिवर्तन की छूट देने का भी प्रावधान लाइसेंस से संबंधित क्षेत्रफल में किया गया है। साथ ही कम से कम एक विकास अनुबंध होने की दशा में क्षेत्रफल में एक बार विस्तार करने एवं टाउनशिप के क्षेत्रफल में न्यूनतम 75% भूमि उपलब्ध होने की स्वीकृति होगी।

पर शर्त यह होगी कि, परियोजना के मूल क्षेत्रफल से विस्तारित क्षेत्रफल का रकबा 50% से ज्यादा नहीं होगा। यह सीमा पुरानी इंटीग्रेटेड टाउनशिप नीति में 60% थी ।

इंटीग्रेटेट टाउनशिप नीति में किये गये विशेष परिवर्तन

  • अब संबंधित विकास प्राधिकरण बोर्ड को टाउनशिप के लिए प्रस्तावित भूमि का भू-उपयोग परिवर्तित का अधिकार होगा।  यह अधिकार पहले की नीति में शासन के पास था।
  • अब 1 वर्ष में टाउनशिप हेतु लाईसेंस जारी होने के पश्चात डीपीआर मंजूर कराना होगा। यह समय सीमा पूर्व में 3 वर्ष थी।
  • डीपीआर को स्वीकृति टाउनशिप हेतु 60% भूमि उपलब्ध होने पर ही दी जाएगी। पहले यह सीमा 50% थी।
  • अब प्रमुख सचिव आवास की अध्यक्षता में गठित समिति के पास टाउनशिप बनाने वाले विकास कर्ताओं के समूह (कंसोर्टियम) के लीड सदस्य में परिवर्तन का अधिकार होगा। 
  • टाउनशिप से संबंधित शहर के विकास प्राधिकरण या आवास परिषद बोर्ड के पास पूर्व में यह अधिकार था ।
  • टाउनशिप हेतु लाईसेंस जारी करने की फीस छोटे शहरों की जनसँख्या के अनुसार अब 50 हजार से 2 लाख अतिरिक्त जीएसटी का भुगतान करना पड़ेगा।
  • वैसे 5 लाख की जनसँख्या वाले शहरों की परियोजनाओं पर फीस में बढ़ोत्तरी लागू नहीं होगी।
  • कम से कम 50 एकड़ में बहुउद्देशीय स्पोर्टस कांप्लेक्स 10 लाख से ज्यादा जनसँख्या वाले शहरों में बनेगा। शहरों में फिल्म सिटी, स्पोर्ट सिटी, आईटी सिटी, एजुकेशनल हब, मेडिसिटी बनेगा।
  • सभी प्रमुख भवनों के फसाड की आर्किटेक्चरल डिजाइन को उच्च्च कोटि का रखा जाएगा। शहर के विकास से सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक धरोहर को जोड़ा जाएगा।
  • सेक्टर विशेष यानी पार्टवार कंपलीशन सर्टिफिकेट जारी करने की व्यवस्था निजी क्षेत्रों में बसने वाली टाउनशिप में होगी। उसका ही नक्शा पास किया जाएगा, जिसका सेक्टर का प्रमाण पत्र होगा। 
  • अगर कंपलीशन प्रमाण पत्र नहीं है तो नक्शा पास नहीं किया जाएगा। इसका  उद्देश्य अवैध निर्माण पर रोक लगाना है।
  • प्राइवेट क्षेत्र में टाउनशिप बसाने हेतु लाइसेंस लेने के लिए टर्नओवर की सीमा में भी वृद्धि की जा रही है। हर 1 एकड़ हेतु 75 लाख रुपये टर्नओवर होना चाहिए। पहले यह 50 लाख रुपये था।
  • डीएम से नोडयुज लेने की बाध्यता नई नीति में परियोजना के अंदर आने वाली एससी व एसटी की भूमि खरीदने हेतु नहीं रहेगी।
  • टाउनशिप परियोजना के क्षेत्रफल में सम्मिलित अधिकतम 50 एकड़ से  ज्यादा क्षेत्रफल का उपयोग कृषि के लिए किए जाने की छूट होगी।

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