शहर की स्वक्षता में कमी दिखने पर सफाई ठेकेदार का पेमेंट कटेगा

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लखनऊ 6 जनवरी 2023: कड़ाई के पश्चात भी स्वक्षता के कार्यों में लापरवाही करने वाली कार्यदायी संस्थाओं पर सख्ती बरतने हेतु अब नगर निगम प्रशासन ने नया नियम जारी किया है। अब जो कार्यदायी संस्थाएं स्वक्षता का काम उचित ढंग से नहीं करेंगी उनको कॉन्ट्रैक्टर प्रॉफिट नहीं दिया जाएगा। विगत महीने के बिल पेमेंट से इसको प्रारंभ कर दिया गया है। इसके इसके अतिरिक्त स्वक्षता उपकरणों को खरीदने हेतु लॉजिस्टिक मद का भी पेमेंट नहीं किया जाएगा।

स्थाई सफाई कर्मियों की कमी के कारण नगर निगम ने कार्यदायी संस्थाओं के द्वारा लगभग 8 हजार सफाई कर्मी  नियुक्त किये हैं। निगम की तरफ से कार्यदायी संस्थाओं को शासन से निर्धारित श्रमिक मानदेय के साथ 3% अतिरिक्त धनराशी कॉन्ट्रैक्टर प्रॉफिट के तहत प्रदान किया जाता है। कार्यदायी संस्थाएं समस्त धनराशी तो प्राप्त कर लेती हैं, परन्तु उतने कर्मचारी नियुक्त नही कर रही है। जिसकी वजह से स्वक्षता व्यवस्था में सुधार नहीं हो पा रहा है। विगत दिनों मंडलायुक्त, नगर आयुक्त, नगर स्वास्थ्य अधिकारी व जोनल अफसरों की जाँच में स्वक्षता नही दिखायी दी थी और कर्मचारी भी अपनी जगहों पर कार्य करते दिखायी नहीं दिये थे। इसके पश्चात उन कार्यदायी संस्थाओं का कॉन्ट्रैक्ट प्रॉफिट काटने का आदेश हुआ, जो लापरवाही से कार्य कर रही हैं।

जाँच में पायी गयी स्वक्षता की अव्यवस्था

विगत 8 दिसंबर को नगर स्वास्थ्य अधिकारी सुनील रावत की अचानक जाँच में डालीगंज रेलवे क्रॉसिंग के निकट जीसी हॉस्पिटल की बाउंड्री के निकट कूड़ा एवं मिट्टी पड़ी दिखी थी। उससे आगे सीतापुर रोड पर प्रकाशन केंद्र के पड़ावघर के निकट गन्दगी का ढेर लगा था। शिया कॉलेज मोड़ के निकट पड़ाव घर की स्थिति भी इसी प्रकार थी। इस मार्ग पर पक्का पुल से केशव नगर तक स्वक्षता हेतु 25 कर्मचारी नियुक्त हैं, परन्तु समस्त मार्ग पर कहीं भी झाड़ू नहीं लगी थी। मटियारी चौराहा से नहर रोड पर तकरोही तक जाँच में काफी जगह कूड़ा दिखाई दिया था। गढ़ीपीर खां वार्ड के यासीनगंज में कूड़ा दिखा था। नालियां जाम थीं। इससे पूर्व 7 दिसंबर को मटियारी चौराहे से देवा रोड पर बाराबंकी सीमा तक काफी जगह गंदगी दिखायी दी थी। यहां भी 20 कर्मचारी नियुक्त हैं, परन्तु उस स्थान कोई भी नहीं दिखा।

30 लाख से ज्यादा की हुई कटौती

नगर निगम स्वक्षता के काम में नियुक्त कार्यदायी संस्थाओं को प्रत्येक माह 10 से 12 करोड़ रुपये का पेमेंट करता है। पिछले माह समस्त एजेंसियों के बिलों से 30 लाख रुपये से ज्यादा की वसूली की गयी ।

शहर को स्वच्छता में नंबर 1 बनाना है। इसमें लापरवाही नहीं चलेगी। अनेकों बार चेतावनी, नोटिस और जुर्माना लगाने के पश्चात भी कार्यदायी संस्थाएं अक्सर लापरवाही करती हैं। इस वजह से अब यह निर्धारित किया गया है कि ,उचित कार्य न करने पर एजेंसियों को कॉन्ट्रैक्टर प्रॉफिट नहीं दिया जाएगा। इसका प्रारंभ विगत माह से कर दिया गया है।