मुख्तार को एक और प्रकरण में सजा: 5 वर्ष में खत्म हो गयी 40 वर्ष की आपराधिक दुनिया की बादशाहत

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लखनऊ 17 दिसम्बर 2022: पूर्वांचल के माफिया सरगना और पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को एक और केस में सजा हुई है। इस बार 10 वर्ष की सजा हुई है। यह तीसरा केस है जिसमें मुख्तार को सजा हुई है। इससे पूर्व लखनऊ के दो  विभिन्न केसों में अदालत मुख्तार को सजा दे  चुकी है। आने वाले दिनों में अन्य  केसों में मुख्तार को सजा दी जा सकती है। फ़िलहाल मुख्तार की 40 वर्षों से चली आ रही बादशाहत पूरी तरह से खत्म हो गयी है। मुख्तार बांदा जेल में निरुद्ध है। फिलहाल वह मनी लांड्रिंग के केस में प्रवर्तन निदेशालय की रिमांड पर है।  

एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार के अनुसार, मुख्तार के विरुद्ध प्रदेश के अनेक जनपदों में कुल 59 केस दर्ज हैं। इसमें सबसे ज्यादा गाजीपुर में 23, मऊ में 9, वाराणसी और लखनऊ में 8-8 केस दर्ज हैं। इसमें लखनऊ के दो और वाराणसी के एक केस में अब तक सजा हुई है। इस समय में मुख्तार के विरुद्ध 20 केस अदालत में लंबित हैं

प्रशांत कुमार के अनुसार, बीते  5 वर्षों में प्रदेश सरकार द्वारा माफियाओं और अपराधियों के विरुद्ध की गई  कार्यवाही के पश्चात 191 गैंग सरगना मुख्तार की बादशाहत को काफी क्षति हुई है। उसके 282 गुर्गों  की पहचान  कर उनके विरुद्ध कार्रवाई की गई। 176 को हिरासत में लिया गया। 5 की पुलिस एनकाउंटर में मृत्यु हो गई।

167 शस्त्र लाइसेंस निरस्त किए गए, 70 लोगों की हिस्ट्रीशीट खंगाली गई और मुख्तार से सम्बंधित 40 अपराधियों को जिला बदर किया गया। इस समयकाल में मुख्तार की 289 करोड़ 93 लाख रुपये की संपत्ति गैंगेस्टर एक्ट के अंतर्गत कुर्क हुई जबकि 282 करोड़ 90 लाख रुपये की संपत्ति को जमीदोज किया गया।

3 वर्ष में दर्ज हुए 29 मुक़दमे

वर्ष 2019 से अब तक मुख्तार और उनके परिवारवालों के विरुद्ध 29  केस दर्ज किए गए। इसमें मुख्तार के विरुद्ध 11, मुख्तार की पत्नी अफ्शां के विरुद्ध  6, बेटे अब्बास अंसारी के विरुद्ध 7 और उमर के विरुद्ध पांच मुकदमे दर्ज हुए हैं। अब्बास अंसारी एवं उमर दोनों विभिन्न जेलों में निरुद्ध हैं।