मीटर रीडिंग को घटा कर बिजली के बिल को कम करने वाले गैंग के 5 लोग हिरासत में।

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लखनऊ 12 दिसम्बर 2022: एसटीएफ ने बिजली के इलेक्ट्रॉनिक मीटर में छेड़छाड़ कर रीडिंग कम करने वाले गैंग का पर्दाफाश करते हुए 5 व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया है। आरोपी सीरिंज, रिमोट, चिप व  अनेक इलेक्ट्रॉनिक  उपकरणों की सहायता से मीटर की रीडिंग घटाते हुए बिजली विभाग को चूना लगाते थे। इस कार्य  हेतु यह लोग उपभोक्ता से काफी धनराशी भी  लेते  थे। 

रिडिंग कम करने का तरीका 

मैगनीट्रॉन उपकरण से मीटर की पूरी रीडिंग डिस्पले खत्म कर दी जाती थी। उसकेपश्चात रिमोट के द्वारा नई रीडिंग मीटर में फीड कर दी जाती थी। नई रीडिंग के अनुसार  उपभोक्ता  को बिल प्राप्त होता था, हालाँकि बिजली विभाग को इस अवैध कार्यों की कोई जानकारी नहीं थी। गैंग के  लोग चीन के बने हुए  इलेक्ट्रॉनिक चिप का उपयोग कर रीडिंग को घटा देते थे। रिमोट केद्वारा चालू मीटर को भी बंद कर दिया जाता था। गैंग के सदस्य उपभोक्ताओं को रिमोट से रीडिंग कम करने की तरकीब भी सिखाते थे। सिरींज से मीटर के अंदर केमिकल डालकर फेरबदल किया जाता था। 

एसटीएफ के प्रभारी एसएसपी विशाल विक्रम सिंह ने जानकारी दी कि प्रदेश के  अनेक जनपदों में इस प्रकार के गैंग के एक्टिव होने की  सूचना प्राप्त हुई थी। गैंग के कुछ लोगों के लखनऊ के आशियाना थाना क्षेत्र में   एक्टिवय होने की सूचना प्राप्त होते ही उन्हें पकड़ लिया गया। इसमें लखनऊ के आलमनगर का  रहने वाला सतीश शर्मा, मड़ियांव का रहने वाला अर्जुन प्रसाद, आशियाना का  रहने वाला सोनू पाल, जौनपुर का रहने वाला अली उमर  एवं सीतापुर का रहने वाला रमन गौतम शामिल हैं। इनके पास से अनेक कंपनियों के 578 विधुत मीटर, 556 सिरींज, 539 अनेक कंपनियों के चिप, 65 रिमोट, 3 मीटर डिस्पले वॉश आउट करने वाली मैगनीट्रॉन मशीन, 1 टेस्ट मीटर समेत  काफी तादात में कई उपकरण  मिले हैं। पुलिस के अनुसार, एक पूरा सक्रिय  गैंग इस अवैध कार्य को अंजाम दे रहा था। पुलिस ने आशियाना थाने में एफआईआर दर्ज करते हुए आरोपियों को जेल भेज दिया है।

बिजली विभाग को प्रत्येक माह करा रहे थे करोड़ों का  नुकसान

पुलिस का कहना है कि, इस प्रकार के गैंग ज्यादातर जनपदों में एक्टिव हैं। धंधेबाज इस तरह के  अवैध कार्यों से लाखों रुपये कमा कर बिजली विभाग को करोड़ों का नुकसान करा रहे थे। अब एसटीएफ उन कंपनियों की भी छानबीन कर रही है जिन्हें बिजली विभाग की तरफ से मीटर रीडिंग व फिटिंग का कार्य आवंटित हुआ था। क्योंकि इस धंधे से जुड़े लोगों  का इतिहास इन्हीं कंपनियों से  सम्बंधित है।

10 से 50 हजार रुपये में खत्म करते थे मीटर रीडिंग

पुलिस की जाँच में बिजली मीटर में गड़बड़ी करने वाले गैंग के लोगों ने स्वीकार्य किया कि उनका जाल सारे अवध के इलाकों में फैला है। घरेलू व व्यावसायिक उपयोग के मीटरों को  धीमा करने का अलग-अलग  रेट बनाया था। इनके इकरारनामे के अनुसार, 10 से 50 हजार रुपये तक लिये जाते थे।