लखनऊ 11 दिसम्बर 2022: यूपी एसटीएफ ने बरोजगार युवकों को सरकारी नौकरी से लेकर लैप्स हो चुकी बीमा पॉलिसी का क्लेम दिलाने का दावा करने वाले आरोपी को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। जो बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीए) का अधिकारी होने का भरोसा दिलाता था।
कृष्णा नगर की महिला को झांसा देकर हड़पे थे 22 लाख
कृष्णानगर कोतवाली में आशा मिश्रा ने पॉलिसी के नाम पर 22 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने की एफआईआर कराई थी। उनका आरोप था कि आरोपी आरबीआई समेत एलआईसी का खुद को अधिकारी बताया था। आरोपी ने इंश्योरेंस में बोनस दिलाने, एजेन्ट कोड हटवाने और बन्द पालिसी का क्लेम दिलाने का झांसा देकर उनसे 22 लाख रूपये की ठगी की थी।
एटीएफ प्रभारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि एटीएफ की टीम ने गाजियाबाद एक्सप्रेस ग्रीन सेक्टर-1 वैशाली निवासी विमल कुमार को दिल्ली कैलाश पार्क मोतीनगर से दबोचा गिरफ्तार किया है।
बीमा पॉलिसी के पैसे दिलाने के नाम पर की थी ठगी
उसके पास से मोबाइल फोन, आधार कार्ड और 77 डेटा शीट मिली हैं। जिनमें बीमा पॉलिसी धारकों की डिटेल है। पूछताछ में विमल ने बताया कि वह बीमा पॉलिसी पर क्लेम दिलाने का दावा करता था। गिरोह के सदस्य इश्योरेंस धारकों की डिटेल प्राप्त कर कॉल करते थे। इसमें भी उन लोगों को चिह्नित किया जाता था। जिनकी पॉलिसी बंद हो गई है। आईआरडीए अधिकारी होने का दावा करते हुए बंद पॉलिसी पर लगा एजेंट कोड हटवा कर क्लेम दिलाने की बात कही जाती थी।
अप्रैल में नौ साथियों को किया गया था गिरफ्तार
एसटीएफ ने विमल गुप्ता के नौ साथियों को 29 अप्रैल को पकड़ा गया था। जिनके पास से 26 लाख रुपये मिले थे। पूछताछ में आरोपियों ने विमल के बारे में जानकारी दी थी। साथी की गिरफ्तारी के बाद से गाजियाबाद छोड़ कर दिल्ली के मोती नगर में छिपा हुआ था। यह लोग लोगों को नौकरी और सरकारी ठेका दिलाने के नाम पर भी ठगी का काम करते थे।
आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वह वर्ष 2009 मे नेट एम्बिट कम्पनी में पहली बार टेलीकॉलर के पद पर ज्वाइन किया था। उसके बाद यूनीकान इंश्योरेन्स कम्पनी में टीम लीडर बन गया।