Lucknow Samachar 24 मार्च 2023: आपराधिक केसों में दाखिल की जाने वाली अस्पष्ट मेडिकल रिपोर्ट पर इलाहाबाद उच्च न्यायलय की लखनऊ बेंच ने नाराजगी व्यक्त की है। अदालत ने बताया कि, अदालत में घायलों व् पोस्टमार्टम की इस प्रकार की रिपोर्ट दाखिल करनी चाहिए, जो पूर्णतयः पढ़ने योग्य हों।
यह आदेश देते हुए न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की एकल बेंच ने निर्देशित किया कि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट व घायलों की चोटों की रिपोर्ट टाइप फार्मेट में बनवाने हेतु वह प्रदेश के समस्त जनपदों के सीएमओ को आदेशित करें।
हरदोई जनपद से सम्बंधित आरोपी विश्वनाथ की जमानत अर्जी पर एकल बेंच सुनवाई कर रही थी। अदालत ने गैर इरादातन हत्या के केस की सुनवाई करते हुए आदेश के पालन की निगरानी हेतु केस को अगली सुनवाई 25 मई को निर्धारित की है।
सह अभियुक्त की जमानत पूर्व में ही स्वीकृत हो जाने की वजह से समानता के आधार पर आरोपी की भी जमानत अदालत ने स्वीकृत कर दी। इस दौरान जब मृतक की चोटों के संबंध में अदालत ने पूंछा तो, राजेश कुमार सिंह सरकारी वकील ने बताया कि, चोटों का विवरण रिपोर्ट में पढ़ने में नही आ रहा है।
अदालत ने भी देखा कि, डाक्टर द्वारा चोटें अस्पष्ट लिखावट में लिखीं हैं। जबकि अपराध की गंभीरता, आरोपी की अपराध भूमिका व संलिप्तता का आंकलन रिपोर्ट पर दर्ज इन्हीं चोटों से ही किया जाता है। अस्पष्ट व अपठनीय रिपोर्ट के होने से सही स्थिति पता नहीं चल पाती है।
1 thought on “आपराधिक केसों में दाखिल की जाने वाली अस्पष्ट मेडिकल रिपोर्ट पर उच्च न्यायालय नाराज, पठनीय मेडिकल रिपोर्ट ही कोर्ट में दाखिल करने हेतु प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को किया निर्देशित”
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