लखनऊ 12 जनवरी 2023: केजीएमयू में अगले माह से भिन्न-भिन्न तरह के जहर का परीक्षण करने की सुविधा प्रारंभ होने जा रही है। इसके लिए विवि में विशेष लैब बनायी गई है। इस लैब में सांप के साथ अन्य तरह के जहर का भी परीक्षण किया जा सकेगा। प्रदेश में इस प्रकार का परीक्षण करने वाला केजीएमयू पहला सरकारी चिकित्सा विद्यालय है। किसी भी व्यक्ति में जहर के प्रकार की जानकारी होने पर उसके उपचार में आसानी होती है।
केजीएमयू के फॉरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सिकोलॉजी विभाग में इस विशेष लैब तथा इंफॉर्मेशन सेंटर का प्रारंभ होने जा रहा है। इसके लिए आवश्यक उपकरण क्रय किये जा चुके हैं ओषधि विभाग की ओपीडी में अनेक बार जहरखुरानी या फिर सर्पदंश के मरीज आते हैं। टॉक्सिकोलॉजी लैब न होने की वजह से यह जानकारी कर पाना असंभव हो जाता है कि मरीज ने कौन सा जहर खाया है। इस स्थिति में सिर्फ लक्षण के अनुसार ही मरीज का उपचार किया जाता है। टॉक्सिकोलॉजी लैब बनने पर जहर के प्रकार की जानकारी करके एंटीडोज देना आसान होगा।
जहर के परीक्षण की लैब इस वक़्त केवल पुलिस विभाग के पास है, परन्तु इसका प्रयोग उपचार की जगह मृत व्यक्तियों में जहर के परीक्षण हेतु किया जाता है। टॉक्सिकोलॉजी लैब की इंचार्ज डॉ. शिऊली राठौर ने कहा कि, प्रारंभ में इस लैब में उन जहर का परीक्षण किया जायेगा जो कि प्रायः देखे जाते हैं। इनमें पेस्टीसाइड या फिर किसी दवाई के ओवरडोज का परीक्षण किया जा सकेगा। अभी इसके परीक्षण का शुल्क तय नहीं है। अन्य हास्पिटलों के शुल्क के अनुसार इसको तय किया जाएगा।