लखनऊ 25 नवम्बर 2022: उत्तर प्रदेश में साढे़ तीन हजार से अधिक निजी बसें डग्गामारी कर रही हैं, हलांकि विभाग कुल 15 हजार बसों को अनुबंध पर लेगा । नई अनुबंध नियमावली में इसके लिए प्रस्ताव तैयार करके कार्य शुरू कर दिया गया है। वर्तमान में परिवहन निगम के खेमे में 11200 बसों को संचालित किया जा रहा है। इनमें 2200 बसें अनुबंधित हैं।
डग्गामार बसों पर नकेल कसने के लिए उप्र. राज्य परिवहन निगम इन्हें अनुबंधित करने जा रहा है। निगम ने इसके लिए अपनी अनुबंध नियमावली में फेरबदल किया है। इसके अन्तर्गत परिवहन निगम की बसें गांव-गांव तक जाएँगी।
प्रबंध निदेशक परिवहन निगम संजय कुमार के अनुसार, लगभग 300 बसों के अनुबंध से सम्बन्धित प्रपत्र भी जमा हो गए हैं। मार्च तक का लक्ष्य यह है कि अनुबंधित बसों की संख्या कम से कम पांच हजार कर दी जाए। इसके पश्चात अगला चरण शुरू किया जाएगा।
लंबी दूरी तय करेंगी
अनुबंधित बसों में स्कैनिया, एसी, स्लीपर सभी बसें सम्मिलित की जायेंगी। साथ ही ये ग्रामीण क्षेत्रों में 70 किमी की जगह 150 किमी की दूरी तय करेंगी। मतलब एक ही बस कई जिलों को सेवा प्रदान कर सकेगी।
आठ साल से पुरानी निजी बसें भी होंगी अनुबंधित
डग्गामार बसों को परिवहन निगम के खेमे में शामिल करने के लिए नई नियमावली में अनेक सुविधाएँ दी जा रहीं हैं। इसके अन्तर्गत उन डीजल बसों को संचालित करने की अनुमति दी जा रही है जो पंजीकरण तिथि से पांच साल की उम्र पूरी कर चुकी हों।
इसके अतिरिक्त सीएनजी बस पंजीकरण तिथि से आठ वर्ष की उम्र पूरी होने तक अनुबंधित की जा सकेगी। मॉडल व पंजीकरण तिथि में एक साल का अंतर भी स्वीकार्य होगा। नई बसों को अनुबंध के पश्चात दो महीने का समय दिया जाएगा जबकि पुरानी बसे तत्काल चलाई जा सकेगी। अनुबंध अवधि दस साल की है।
बड़े ट्रांसपोर्टर भी मैदान में
अनुबंध के लिए ऐसे बड़े ट्रांसपोर्टर भी सामने आ रहे हैं, जो 50 बसों तक की क्षमता रखते हैं। बरेली, गाजियाबाद, मुरादाबाद आदि में ट्रांसपोर्टर की बैठक कराई गई, जिसका उचित परिणाम निकला है।
डिजिटल पेमेंट से टिकट बनाने वाले परिचालकों को मिलेगी परिवहन निगम बसों में यूपीआई के जरिए टिकट बनाने वाले परिचालकों को प्रति टिकट एक रुपये प्रोत्साहन शुल्क देगा। परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने बताया कि 15 दिनों में बसों में डिजिटल पेमेंट से टिकट बनाने की सुविधा शुरू हो जाएगी।
अधिक से अधिक टिकट यूपीआई के द्वारा बनें,इस कारण परिचालकों को प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया गया है। हर क्षेत्र में सबसे अधिक यूपीआई से टिकट बुक करने वाले टॉप थ्री परिचालकों को विशेष पुरस्कार से भी सम्मानित किया जाएगा।