लखनऊ 10 दिसम्बर 2022: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने 69000 सहायक शिक्षक भर्ती के संबंध में आरक्षित वर्ग की 19000 सीटों पर आरक्षण के मामले में सुनवाई के पश्चात निर्णय सुरक्षित कर लिया है। न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ल की एकल पीठ के सामने इस संबंध में अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की अपील पर बृहस्पतिवार को सुनवाई हुई। अब अदालत इस संबंध में अपना निर्णय सुनाएगी।
अपीलार्थियों का आरोप है कि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) तथा सहायक अध्यापक परीक्षा में नंबरों में छूट देकर दोहरा आरक्षण दिया जा रहा है। इसके संबंध में अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने अपील दाखिल कर अपने वकील अमरेंद्र नाथ त्रिपाठी के द्वारा जिरह किया। जिस पर राज्य सरकार के वकीलने अदालत को अवगत कराया कि अध्यापक पात्रता परीक्षा एक अर्हता परीक्षा है तथा इसमें दी गई नम्बरों की छूट या आरक्षण सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा के भाग में लागू नहीं होते हैं। यह उस परीक्षा का भाग नहीं है।
इसके उत्तर में अपीलार्थियों के वकील ने कहा कि, जब अध्यापक पात्रता परीक्षा सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा का भाग नहीं है तो फिर इन्हें अध्यापक पात्रता परीक्षा के नंबरों में छूट आरक्षण के अनुसार क्यों दी जाती है? इस पर सरकारी वकील ने बताया कि ,इस भर्ती में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को दोहरा आरक्षण नहीं दिया जा रहा है।
यह भर्ती बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 तथा आरक्षण नियमावली 1994 के अन्तर्गत की जा रही है। इसलिए अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों द्वारा दोहरा आरक्षण पर दाखिल की गई अपीलों का कोई फायदा नहीं है। कोर्ट ने प्रकरण की सुनवाई के बाद निर्णय सुरक्षित कर लिया एवं कहा कि सप्ताह भर में पक्षकारों के वकील अपनी लिखित जिरह दाखिल कर सकते हैं।