कचरा प्रबंधन में फेल ईकोग्रीन का एग्रीमेंट कैंसिल, नगर आयुक्त ने कंपनी के कार्य में अनियमितता की रिपोर्ट प्रमुख सचिव नगर विकास को सौंपी

WhatsApp Group (Join Now) Join Now
Telegram Group (Join Now) Join Now

लखनऊ 17 जनवरी 2023:  नगर निगम ने शहर के कूड़ा प्रबंधन में फेल ईकोग्रीन का एग्रीमेंट कैंसिल कर दिया है। चूंकि  एग्रीमेंट त्रिपक्षीय है, इसलिए शासन के प्रतिनिधि के रूप में एग्रीमेंट में सम्मिलित जल निगम की सी.एंड डी.एस इकाई को भी एग्रीमेंट कैंसिल करना पड़ेगा। इसके पश्चात ही कंपनी को कार्य से पूर्णतयः निकाला जा सकता है। नगर आयुक्त ने ईकोग्रीन की कार्य में अनियमितता की रिपोर्ट प्रमुख सचिव नगर विकास को सौंप दी है।

कंपनी ज्योति इनवायरोटेक के कूड़ा प्रबंधन में फेल होने के पश्चात साल 2017 में ईकोग्रीन एनर्जी को इसकी जिम्मेदारी दी गयी। इसके सम्बन्ध में त्रिपक्षीय एग्रीमेंट किया गया। जिसमे पहला पक्ष नगर निगम, दूसरा नगर विकास (शासन) की तरफ से सी.एंड.डी.एस जल निगम एवं तीसरा ईकोग्रीन थी। प्रारंभ के 2 वर्ष उचित तरह से कार्य करने के पश्चात कंपनी अनियमितता बरतने लगीं। जिससे शिवरी प्लांट पर कचरे का भंडार लगने लगा। इस वक़्त यहां लगभग 25 लाख मीट्रिक टन कचरा इकटठा है।

डोर-टू-डोर कचरा लेने में भी कंपनी धांधली करने लगी। इससे ईकोग्रीन की आमदनी तो दुगनी हो गई, परन्तु स्वक्षता बर्बाद गई। शिवरी प्लांट बंद होने से बढ़ते कचरे के भंडार पर शासन से लेकर एनजीटी तक ने नाराजगी व्यक्त की एवं 2 बार में 40 करोड़ का हर्जाना भी लगाया। इसके पश्चात नगर निगम ने कड़ाई की। मंडलायुक्त रोशन जैकब ने कंपनी को काफी फटकारा। प्लांट के अतिरिक्त शहर में कूड़ा स्थानांतरित केन्द्रों पर पायी गयी  अनुचित स्थिति के सम्बन्ध में कंपनी को नोटिस दिया, परन्तु स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं हुआ।

ईकोग्रीन नगर निगम से पैसा प्राप्त कर पेटी ठेकेदारों को वक़्त से पेमेंट नहीं करती थी। जिससे वे हड़ताल पर बैठ जाते थे। सफाई व्यवस्था पर इसका प्रभाव पड़ता था। नगर निगम की स्वच्छता रेटिंग भी विगत वर्ष 5 पायदान घटकर 12वें से 17वें स्थान पर चली गई। इसके पश्चात शासन स्तर पर खलबली मची एवं अब ईकोग्रीन का एग्रीमेंट कैंसिल कर दिया गया है।

एग्रीमेंट के अंतर्गत ईकोग्रीन को सॉलिड बेस्ट मैनेजमेंट नियम 2016 के द्वारा शहर के समस्त आवासीय, अनावासीय एवं कामर्शियल प्रतिष्ठानों से भिन्न-भिन्न कचरा इकटठा करना था। फिर उसे स्थानांतरण केंद्र एवं फिर वहां से शिवरी प्लांट पहुँचाना था। जहाँ कचरे को वैज्ञानिक विधि द्वारा निस्तारित किया जाता था। जबकि, ईकोग्रीन ने न तो कचरा इकटठा किया एवं न ही उचित तरीके से प्लांट संचालित किया।

नगर आयुक्त ने ईकोग्रीन का एग्रीमेंट कैंसिल करने की रिपोर्ट प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात को  सौंप दी है। इसमें बताया कि, कार्यहित में जल निगम की सी.एंड डी.एस इकाई को एग्रीमेंट कैंसिल करने हेतु निर्देशित करते हुए ईकोग्रीन को टर्मिनेशनल नोटिस निकाले जाने की स्वीकृति प्रदान करें।आगे व्यवस्था संचालन हेतु शासन स्तर पर कमेटी तैयार करने की आवश्यकता है।