लखनऊ 17 जनवरी 2023: योगी सरकार ने भ्रष्टाचार के सम्बन्ध में एक और सख्त कार्यवाही का फैसला किया है। बस्ती के सड़क घोटाले में 2 तत्कालीन सहायक अभियंता (एई) अरविंद कुमार आर्या एवं विनय कुमार राम की सेवा समाप्ति का फैसला उच्च स्तर पर हुआ है। प्रदेश सरकार जल्द ही सीधे संस्तुति के साथ अपने फैसले को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) को सौपेगी। इस संबंध में आवश्यक आदेश उसके पश्चात निकाला जायेगा।
साल 2017-18 एवं 2018-19 में बस्ती में 300 से अधिक सड़कों को बनाने हेतु धनराशि दी गई थी। जब मौके पर कार्य नहीं किया गया तब स्थानीय विधायकों एवं अन्य जनप्रतिनिधियों ने इसकी शिकायत की। ये खराबियां बस्ती के प्रांतीय खंड, पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत आने वाले इलाकों में पायी गयीं। जिस पर मुख्यालय ने छानबीन करायी तो 43.95 करोड़ रुपये का घोटाला पाया गया। कहीं बिना अधिकृत स्तर के स्वीकृति के ही सड़क निर्माण दिखाया गया एवं कहीं कार्य कराए बिना ही पेमेंट ले लिया गया। इस सम्बन्ध में आरोपी एक्सईएन आलोक रमण की योगी सरकार-1 में ही सेवा समाप्त कर दी गयी थी। जांच रिपोर्ट में 2 सहायक अभियंता विनय कुमार राम एवं अरविंद कुमार आर्या को भी आरोपी बताया गया था। इसी समय अरविंद कुमार आर्या अधिशासी अभियंता के पद पर पदोन्नत भी हो गए। वर्तमान में दोनों पीडब्ल्यूडी मुख्यालय से अटैच हैं।
अब सरकार ने विनय कुमार राम एवं अरविंद कुमार आर्या की सेवा समाप्ति का फैसला किया है। नियमानुसार, इसे लेकर आवश्यक आदेश यूपीपीएससी का मत प्राप्त होने के पश्चात ही जारी किया जा सकता है। इस वजह से शासन उक्त दस्तावेज को यूपीपीएससी को भेजने की कार्यवाही कर रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नेतृत्व वाली सरकार भ्रष्टाचार के सम्बन्ध में जीरो टॉलरेंस वाली सरकार है। बस्ती के सड़क घोटाले में आरोपी पाए गये दोनों तत्कालीन सहायक अभियंताओं की सेवा समाप्ति का फैसला लिया जा चुका है।