लखनऊ 16 जनवरी 2023: उत्तर प्रदेश के सरकारी के साथ प्राइवेट आयुर्वेदिक विधालयों का शुल्क निर्धारित कर दिया गया है। कोई भी प्राइवेट विधालय अब मनमाने ढंग से शुल्क नहीं ले सकेंगे। विधालय संचालकों को अपनी वेबसाइट एवं नोटिस बोर्ड पर शुल्क सार्वजनिक करने के भी निर्देश जारी किये हैं।
बीएएमएस, बीएचएमएस एवं बीयूएमएस के सरकारी विधालयों का शुल्क 19 हजार हुआ है। आरक्षित श्रेणी के विधार्थियों को 14 हजार देने पड़ेंगे। हालाँकि प्राइवेट विधालयों का शुल्क लगभग 1 ½ से 3 लाख के बीच है। प्रदेश के सरकारी एवं प्राइवेट आयुर्वेदिक विधालयों में बीएएमएस (आयुर्वेद), बीएचएमएस (होम्योपैथी), बीयूएमएस (यूनानी) की काउंसिलिंग प्रारंभ हो गई है।विधालय संचालकों द्वारा मनमाने ढंग से शुल्क लेने की शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। इसलिए शासन की तरफ से विधालयों का शुल्क निर्धारित करने के अतिरिक्त उसे सार्वजनिक करने का निर्देश दिया गया है। यदि किसी विधालय के विरुद्ध अधिक शुल्क लिए जाने की शिकायत प्राप्त हुई तो कड़ी कार्यवाही होगी।
शुल्क की स्थिति
बीएएमएस- 8 सरकारी विधालयों में 502 सीटें एवं शुल्क 19 हजार प्रतिवर्ष है। आरक्षित श्रेणी हेतु 14 हजार देना पड़ेगा। प्राइवेट 61 विधालयों में 4720 सीट हैं। यहां शुल्क 2 लाख 4 हजार 6 सौ से लेकर 3 लाख तक है। यह शुल्क विधालयों में संसाधनों के तहत घटाई या बढाई गयी है।अधिकतर विधालय 2 ½ लाख के लगभग हैं। अत्यधिक 3 लाख शुल्क वाला विधालय शम्म ए गौसिया माइनारटी पीजी आयुर्वेदिक चिकित्सा विधालय गाजीपुर है।
बीएचएमएस : सरकारी 9 विधालयों में 829 सीट एवं शुल्क 19 हजार।आरक्षित श्रेणी हेतु 14 हजार। प्राइवेट 2 विधालयों में 200 सीटें हैं। बैक्शन होम्योपैथिक विधालय,नोएडा की 2 ½ लाख एवं नेमिनाथ होम्योपैथिक विधालय आगरा की 1 ½ लाख प्रतिवर्ष निर्धारित की गई है।
बीयूएमएस : सरकारी 2 विधालयों की 128 सीट एवं शुल्क 19 हजार है। आरक्षित श्रेणी में 14 हजार जमा करना पड़ेगा।10 प्राइवेट विधालयों में 560 सीट हैं। शुल्क1 लाख 98 हजार से 2 लाख 64 हजार तक निर्धारित किया गया है।
में नर्सिंग शिक्षा की गुणवत्ता पर भी प्रश्न खड़ा होगा। इसी कारण से विभाग प्रत्येक स्तर पर सख्ती करके नर्सिंग शिक्षा की गुणवत्ता को महत्व दे रहा है।