छात्रों को मुफ्त टैबलेट व स्मार्टफोन बांटने की प्रक्रिया में आई तेजी

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उत्तर प्रदेश सरकार युवाओं को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने को प्रयासरत है। इसी अभियान के तहत प्रदेश के करीब एक करोड़ युवाओं को मुफ्त टैबलेट और स्मार्ट फोन वितरण जल्द शुरू होगा। योजना के तहत लाभार्थियों का चयन, टैबलेट और स्मार्ट फोन वितरण व इसकी मानीटरिंग के लिए वेब पोर्टल बन गया है।

पहला चरण:

इसके पहले चरण में विश्वविद्यालयों के स्नातक द्वितीय, तृतीय और परास्नातक द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों को दिया जाएगा। विश्वविद्यालय स्नातक व परास्नातक प्रथम वर्ष के छात्र-छात्राओं का डेटाबेस तैयार होने के बाद इसकी सूचना सरकार को भेजेंगे।

विशेष सचिव मनोज कुमार ने निर्देश दिया है कि विश्वविद्यालय अपने से संबद्ध महाविद्यालयों के पंजीकृत छात्र-छात्राओं की सूचना निर्धारित प्रारूप पर तैयार करके जिलाधिकारियों को भेजेंगे। जिलाधिकारी उसका सत्यापन कराकर टैबलेट और स्मार्ट फोन बांटने की प्रक्रिया औद्योगिक विकास विभाग की ओर से आदेश के तहत जिलास्तर पर करेंगे। जिला प्रशासन वितरण में पारदर्शिता व लाभार्थी की प्रामाणिकता के लिए जिम्मेदार होगा।

मोबाइल पर दी जाएगी जानकारी:

जानकारी के मुताबिक योगी सरकार की कोशिश है कि आचार सं‍हिता लागू होने के पहले ही स्‍मार्ट फोन या टैबलेट छात्र-छात्राओं के हाथ में पहुंच जाएं। पात्र छात्र-छात्राओं का डाटा पोर्टल पर फीड करने के बाद टैबलेट या स्‍मार्टफोन का वितरण किया जाएगा। डाटा फीडिंग के बाद योजना के तहत आने वाले विद्यार्थियों को स्‍मार्टफोन और टैबलेट मिलने की जानकारी मोबाइल पर दी जाएगी। जेम पोर्टल के जरिए स्‍मार्ट फोन और टैबलेट की खरीद की जाएगी।

एक करोड़ छात्र-छत्राओं को मिलेगा स्मार्टफोन या टैबलेट:

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक करोड़ छात्र-छत्राओं को स्मार्टफोन या टैबलेट देने का ऐलान किए थे। इसके लिए तीन हजार करोड़ रुपए भी स्वीकृत किए गए हैं। औद्योगिक विकास विभाग की ओर से टैबलेट और स्मार्टफोन की खरीद के लिए टेंडर जारी करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। इसके बाद  टैबलेट और स्मार्टफोन की खरीद के लिए नवंबर के अंत तक चयनित कंपनियों को परचेज आर्डर दिया जाएगा।

पारदर्शिता पर जोर:

योगी सरकार टैबलेट या स्‍मार्टफोन देने की अपनी इस योजना को लेकर खासी सतर्क है। पारदर्शिता पर काफी जोर है। कहा जा रहा है कि खरीद के लिए टेंडर के नियमों और शर्तों को जल्द ही कैबिनेट के सामने पेश किया जाएगा। यूपी कैबिनेट की मंजूरी के बाद सात दिन में टेंडर जारी कर दिया जाएगा। कोशिश है कि जल्द से जल्द प्रक्रिया पूरी कर ली जाए ताकि इसका वितरण शुरू किया जा सके।