सरकार एक छत के नीचे लाएगी समस्त न्यायपालिका, 400 करोड़ से पायलट प्रोजेक्ट के अन्तर्गत 10 जनपदों में प्रारंभ होगा कार्य

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लखनऊ 08 दिसम्बर 2022: न्यायिक प्रक्रिया को  सरल बनाने और एक न्यायपालिका से दूसरे न्यायपालिका के बीच की भाग-दौड़ दूर करने के विचार से योगी सरकार न्यायपालिकाओं को एक छत के नीचे लाने की योजना बना रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर इंटीग्रेटेड कोर्ट कांप्लेक्स के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर अभी 10 जनपदों महोबा, हाथरस, चंदौली, शामली, अमेठी, हापुड़, औरैया, सोनभद्र, संभल एवं चित्रकूट का चुनाव किया गया है।

इंटीग्रेटेड कोर्ट कांप्लेक्स के लिए अनुपूरक बजट में किया गया 400 करोड़ का प्रविधान

विधानसभा से पारित अनुपूरक बजट के द्वारा  इस विशेष परियोजना के लिए 400 करोड़ रुपये का प्रावधान  किया गया है। अनुपूरक बजट पर वार्ता के समय मुख्यमंत्री ने इंटीग्रेटेड कोर्ट कांप्लेक्स की विशेष योजना की जानकारी दी थी। उन्होंने बताया कि, सुशासन में वक़्त से न्याय प्राप्त करना आवश्यक होता है। इसी  विचार के द्वारा सरकार 10  जनपदों में एकीकृत न्यायालय परिसरों को बनवाने जा रही है ।

 इंटीग्रेटेड कोर्ट कांप्लेक्स के संबंध में कुछ दिनों पूर्व उत्तर प्रदेश की एक टीम ने गुजरात के बड़ौदा का दौरा किया था। वहां एकीकृत कोर्ट कांप्लेक्स का माडल सफलतापूर्वक शुरु किया गया है। विगत दिनों एक उच्चस्तरीय वार्ता में कांप्लेक्स की कार्यप्रणाली के संबंध में मुख्यमंत्री ने दिशा- निर्देश दिया था। सीएम ने कहा था कि ,अपराधों की अलग-अलग प्रकृति के अनुरूप अविलम्ब न्याय के लिए विभिन्न कानूनों से सम्बंधित कोर्ट की संख्या में भी वृद्धि हुई है।

अब एक ही इमारत में चलेंगी समस्त अदालतें

जनपदों में यह अदालतें  विभिन्न स्थानों से कार्यवाही संचालित करती हैं। अनेक स्थानों पर किराए के भवनों में कोर्ट चल रही हैं। एक ही जनपद में विभिन्न दिशाओं में अदालतों के कारण न्यायिक अधिकारियों वं फरियादियों दोनों को ही परेशानी होती है। सुरक्षा इंतजाम और प्रशासनिक व्यवस्था में भी दिक्कत होती है। इसके संबंध में कोर्ट हेतु एकीकृत कोर्ट भवन सफल हो सकते हैं। एक आदेश में उच्चतम न्यायालय द्वारा भी ऐसे न्यायालय परिसरों को बनाने का आदेश दिया गया था। मुख्यमंत्री के निर्देश पर लोक निर्माण, गृह तथा विधि एवं न्याय विभाग इस परियोजना पर कार्य कर रहे हैं। एकीकृत इमारत में कोर्ट, जजों के चैंबर, मीटिंग हाल, वीडियो कोर्ट, पार्किंग, कैंटीन सहित अन्य सुविधाओं के लिए स्थान उपलब्ध होगा।