Lucknow Samachar 06 अप्रैल 2023: एलडीए की गोमतीनगर विस्तार योजना में लगभग 10 वर्ष पूर्व बेचे गए 108 प्लाटों के खरीदार गायब हो गए हैं। आखिर इन भूखंडों के मालिक हैं कहां, इस सम्बन्ध में अब प्राधिकरण के संपत्ति अधिकारी पता लगाने जा रहे हैं। इन प्लाटों को एलडीए विवादित के खाते में डालकर बैठा रहा।
इस प्रकरण की जानकारी तब हुई जब कानपुर रोड योजना, गोमतीनगर, गोमतीनगर विस्तार आदि के विवादित प्लाटों भूखंडों की जांच प्रारंभ की गयी गई।
प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी के अनुसार, करीब 10 वर्ष पूर्व गोमतीनगर विस्तार के 108 प्लाट बिके थे। एक प्लाट की औसतन 4.50 लाख रुपये मूल्य भी खरीदार जमा कर चुके हैं । परन्तु इनकी रजिस्ट्री अब तक नहीं कराई गयी है।
1200 वर्गफीट के इन प्लाटों के खरीदारों का पता लगाने हेतु जांच कमेटी गठित की गयी है। यह प्लाट खरीदने वालों का एक-एक फाइल की छानबीन करके पता लगाएगी।
इसके पश्चात नोटिस जारी कर इन्हें रजिस्ट्री कराने का आदेश देगी। खरीदार निर्धारित तिथि पर रजिस्ट्री नहीं कराएंगे तो आवंटन कैंसिल कर दिया जाएगा।
एलडीए कर्मचारियों की मिलीभगत की आशंका
एलडीए अधिकारियों को आशंका है कि, ये प्लाट काली कमाई से फर्जी नाम पर ख़रीदे गए हों। इसमें एलडीए कर्मचारियों की मिलीभगत की भी संलिप्तता है। इसकी भी आशंका है कि, इतने वर्षों से इन प्लाटों की रजिस्ट्री न कराए जाने का कारण बाबुओं की तरफ से किया गया कोई फर्जीवाड़ा तो नहीं है।
अंदेशा है कि, अपने नाते-रिश्तेदारों के नाम से प्लाट खरीदकर इन बाबुओं ने कीमत जमा कर दी। और बाद में अच्छी कीमत मिलने पर ये प्लाट दूसरे को बेच कर एलडीए से रजिस्ट्री करा देंगे।
4.50 लाख रुपये में बिके प्लाट के मिल सकते है, 60 लाख रूपये
इन 108 प्लाटों को एलडीए ने 10 वर्ष पूर्व 4.50 करोड़ रुपये (कुल कीमत) से ज्यादा में बेचा था। 45 करोड़ रुपये से ज्यादा इनकी वर्तमान अनुमानित कीमत हो चुकी है।
इनके अनुसार, जो प्लाट 10 वर्ष पूर्व 4.50 लाख रुपये में बिका, उसकी एलडीए में ही कीमत करीब 45 लाख रुपये हो चुकी है। एवं इन प्लाटों को खरीदार के दोबारा बेचे जाने पर एक प्लॉट के 60 लाख रुपये तक मिल सकते हैं।
किस्त जमा होने के 3 माह के अन्दर रजिस्ट्री का प्रावधान
आवंटियों को वर्ष 1995 से फ्रीहोल्ड के रूप में जमीन का आवंटन किया जा रहा है। इसलिए प्लाट पर निर्माण प्रारंभ करने का समय निर्धारित नहीं है। एलडीए प्लाट की कीमत की किस्त पूरी जमा होने के 3 माह के अंदर उसकी रजिस्ट्री कराने का प्रावधान है।
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