लखनऊ 4 जनवरी 2023: गृहकर जीआईएस सर्वे में अनियमितताओं के कारण चर्चाओं में रहने वाली प्राइवेट कंपनी न्यू जियो इंफोसिस के कर्मचारी 30 हजार रुपये वसूल कर नगर निगम में 15 हजार की नौकरी लगवा रहे थे। अब तक कितने लोगों को ठगा गया है, इसकी जानकारी अभी नहीं है। 3 कर्मचारियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज हुई है। अब नगर निगम प्रशासन कंपनी के विरुद्ध भी कार्यवाही करेगा।
नौकरी हेतु ठगी के संबंध में मऊ के जिस गिरीश चंद्र यादव ने नगर निगम में शिकायत की थी, उसने कहा कि, एक व्यक्ति ने अक्तूबर में उसकी भेंट गोमतीनगर के विभवखंड के रहने वाले सत्यम पांडेय से करवायी। सत्यम ने अमर सिंह नाम के एक व्यक्ति का नंबर दिया। वह उसे नगर निगम जोन 3 कार्यालय के बाहर मिला। उसने कहा कि, वह उसे नगर निगम के जीआईएस सर्वे हेतु15 हजार रुपये माहवार की नौकरी लगवाएगा। बात तय होने के पश्चात सत्यम पांडेय के खाते में 10 हजार रुपये जमा कराए। 4 नवंबर को उसने बुलाया और नगर निगम में साक्षात्कार लिया। इसके पश्चात 15 हजार रुपये और अमर एवं नेहा शर्मा नाम की महिला ने नगर निगम जोन कार्यालय में वसूले। 5 हजार रुपये की और डिमांड कर रहे थे। रूपये थे नहीं, इस वजह से नहीं दिया। उसके पश्चात नियुक्ति पत्र भेजा तो उसमें वेतन के संबंध में कुछ नही लिखा था। इस संबंध मे कहा तो, वह हीलाहवाली करने लगे। रूपये वापस मागने पर लौटाया नहीं, जिसके पश्चात उसने नगर आयुक्त से शिकायत की।
कैशियर की करीबी थी महिला
ठगी के संबंध में प्राइवेट कंपनी की जिस नेहा शर्मा नाम की महिला का नाम आया है, वह जोन 3 में कैशियर पद पर काम करने वाले नीरज वर्मा की करीबी कही जा रही है। जानकारों के अनुसार, वह महिला कैशियर नीरज के साथ ही उसके कमरे में बैठती थी और उसी कमरे का ठगी हेतु उपयोग हुआ है। कैशियर के कमरे में साक्षात्कार भी लिया। इस संबंध में अब तक निगम प्रशासन ने कैशियर से केवल स्पष्टीकरण माँगा है। उसके विरुद्ध न तो एफआईआर दर्ज करायी गयी एवं न ही उसे निलंबित किया गया।
जीआईएस सर्वे वाली कंपनी पर भी की जायेगी कार्यवाही
नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह के अनुसार, जीआईएस सर्वे करने वाली जिस कंपनी के कर्मचारियेां ने ठगी कर नगर निगम का नाम धूमिल किया है, उसके विरुद्ध भी कार्यवाही होगी। इसके संबंध में छानबीन की जा रही है। छानबीन के पश्चात कंपनी के विरुद्ध भी कार्यवाही होगी। कंपनी को अपने कर्मचारियों पर कंट्रोल रखना चाहिए। प्रकरण प्रकाश में आने के पश्चात अब तक कंपनी की तरफ से जानकारी भी उपलब्ध नहीं करायी गई है।
गृहकर जीआईएस सर्वे करने वाली प्राइवेट कंपनी के कर्मचारी नगर निगम का परिचय पत्र रखकर शहर में घूम रहे हैं। वह स्वयं को प्राइवेट कंपनी का कर्मचारी कहने की जगह नगर निगम का कर्मचारी कहते हैं। वसूली के कारण फर्जी सर्वे करके करों में वृद्धि कर देते हैं। इसके संबंध में अनेकों शिकायतें भी प्राप्त हो चुकी हैं, जिसमें 500 वर्गफीट के मकान का 2000 वर्गफीट का कर लगाया गया। नगर निगम द्वारा जारी परिचय पत्र दिखाने वाला एक वीडियो भी कुछ दिन पूर्व सोशल मीडिया पर प्रदर्शित हुआ था। इसके संबंध में नगर आयुक्त ने बताया कि ,प्राइवेट कंपनी अपने कर्मचारी को स्वयं का परिचय पत्र उपलब्ध कराये। नगर निगम का परिचय पत्र नहीं दिया जायेगा। जो भी परिचय पत्र हैं, वे कुर्क किये जायेंगे। इनकी छानबीन भी होगी।