Clean Air Survey 2022: 2 वर्षों में सबसे अधिक शुद्ध रही लखनऊ की वायु, देश भर में सर्वोत्तम।

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लखनऊ 05 दिसम्बर 2022: केंद्र सरकार के द्वारा करवाए गए ‘स्वच्छ वायु सर्वेक्षण-2022’ के  अनुसार, 10 लाख से ज्यादा जनसंख्या वाले  शहरों में लखनऊ को प्रथम स्थान मिला है। 3 से 10 लाख तक की जनसंख्या वाले शहरों के बीच यूपी के मुरादाबाद का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा है। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में मंगलवार को ‘वायु: महत्वपूर्ण जीवन शक्ति’आयोजन में लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया और नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह को पुरस्कार और डेढ़ करोड़ रुपये का चेक दिया गया। आयोजन में ओडिशा के राज्यपाल गणेशी लाल, केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री भूपेंद्र यादव एवं महानिदेशक, पर्यावरण चंद्र प्रकाश गोयल उपस्थित रहे।

लखनऊ को यह पुरस्कार वर्ष 2019-20 से 2021-22 तक पीएम-10 की औसत सांद्रता 31 % तक घटाने, बायोमास व ठोस कूड़े को जलाने से रोकने हेतु किये गये कार्यों के लिए प्रदान किया गया है। वहीं, 3 से 10 लाख की जनसंख्या वाले शहरों में मुरादाबाद को पीएम-10 की औसत सांद्रता 36%  कम करने के 75 हजार रुपये दिए गए। 3 लाख से कम जनसंख्या वाले शहरों में वायु स्वच्छ करने के उपायों के लिए मध्य प्रदेश के देवास को 37.50 लाख रुपये के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

नगर आयुक्त ने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से समस्त प्रदेशों के प्रमुख शहरों में स्वच्छ वायु सर्वेक्षण-2022 करवाया गया था। विगत 6 माह से केंद्र की टीमें मानकों के अनुसार शहरों की वायु का मूल्यांकन कर रही थीं। शनिवार को इसकी रैंकिंग जारी की गई। उन्होंने बताया कि आने वाले 6 महीने हेतु भी हमारी कार्ययोजना तैयार है। वायु को स्वच्छ रखने के लिए आवासीय समितियों एवं स्कूली बच्चों सहित अभियान चलाने की योजना है। इसके अतिरिक्त चौराहों पर एनजीओ की सहायता से यातायात प्रकाश लाल होने पर लोगों को गाड़ियां बंद करने के लिए भी समझाया जाएगा।पुरस्कार प्राप्त करने के पश्चात मेयर संयुक्ता भाटिया ने कहा कि लखनऊ में वायु की गुणवत्ता और पर्यावरण में सुधार हेतु विगत 5 वर्षों से उपाय किये जा रहे थे, जिसका परिणाम अब समक्ष आने लगा है।

इन उपायों से प्राप्त हुई सफलता

  • नगर निगम मुख्यालय के समक्ष कृत्रिम फेफड़ा लगवाया गया, जो कि मात्र  24 घंटे में गुलाबी से काला हो गया। इसका प्रमुख उद्देश्य वायु गुणवत्ता के संबंध में लोगों को समझाना था।
  • 9 रोड स्वीपिंग मशीनें, 8 एंटी स्मोक गन, 40 वॉटर स्प्रिंकल मशीनें  क्रय की गयीं और इनका निरंतर उपयोग किया गया।
  • अटल उदय वन सहित शहर के 1500 से अधिक उधानो में पौधरोपण किया गया।
  • शहर के एक्यूआई के आंकड़ों को स्मार्ट सिटी के नियंत्रण कक्ष से जोड़ा गया। जिन क्षेत्रों की रिपोर्ट गड़बड़ मिली वहां अभियान चलाया गया।
  • 22 जगहों पर एयर प्यूरीफायर स्थापित किये गये, जिनसे वायु गुणवत्ता अच्छी हुई।

 100 करोड़ रुपये मिलेंगे

नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह के अनुसार, रैंकिंग में प्रथम स्थान मिलने पर नगर निगम को डेढ़ करोड़ रूपये तत्काल प्राप्त हुये  हैं। वायु गुणवत्ता में सबसे अच्छा कार्य करने वाले शहर को 15वें वित्त में तय किया गया सारा बजट दिया जाता है। इस प्रकार से लखनऊ को 100 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे। शहर के पर्यटन पर भी इसका उचित प्रभाव पड़ेगा।