1 अप्रैल से कबाड़ नीति लागू, 22 रूपये किलो की दर से बिकेंगी 15 वर्ष पुरानी गाड़ियाँ, शासन को भेजा गया प्रस्ताव

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Lucknow Samachar 29 मार्च 2023: कबाड़ नीति 1 अप्रैल से लागू हो रही है, इस नीति में यदि कोई कबाड़ सेंटर पर अपने 15 वर्ष पुरानी गाड़ी को बेचता है तो उसे इसकी कीमत लगभग 22 रूपये प्रति किलो की दर से मिलेगी। शासन को इस सिफारिश के साथ प्रस्ताव बनाकर परिवहन विभाग ने भेज दिया है।

वास्तव में, भारत सरकार इस्पात मंत्रालय के मानक को ही आधार बनाकर इस कीमत के लिए प्रस्ताव बनाया गया है। गाड़ी का मूल वजन उसके कुल वजन का 65 % हिस्सा ही माना जायेगा। और उस धनराशी का भी 90% ही पेमेंट किया जायेगा।

अब कबाड़ नीति केंद्र सरकार के पश्चात उप्र में भी लागू हो रही है। इस नीति में 15 वर्ष पुरानी गाड़ियों को 1 अप्रैल 2023 से कबाड़ में भेजने की योजना है। इसमें 15 वर्ष पुराने राज्य सरकार की समस्त गाड़ियों को कबाड़ करना होगा।

इसके लिए 2 लक्ष्य सरकार ने निर्धारित किये हैं। पहले लक्ष्य में समस्त सरकारी विभागों, स्थानीय निकाय, उपक्रमों इत्यादि के इस अवधि के समस्त सरकारी स्वामित्व वाली गाड़ियों को कबाड़ करना है। 

दुसरे लक्ष्य में स्वैच्छिक रूप से नीति निर्धारित की गई है। जिसमे प्राइवेट गाड़ियों को लाना होगा। मतलब इस नीति का लाभ यदि वह चाहें तो उठा सकते हैं। अब तक समस्त प्रदेश में प्राइवेट संचालकों के 12 कबाड़ सेंटरों पर काम प्रारंभ हो गया है।          

इस प्रकार निर्धारित हुआ कबाड़ मूल्य

परिवहन आयुक्त चंद्रभूषण सिंह के अनुसार, इस्पात मंत्रालय का मानक है कि, खरीद के विगत 3 महीने के कबाड़ मूल्य का औसत निकालकर इसकी खरीद निर्धारित की जाए। इस अनुसार, यह औसत इस समय 40-45 रुपये प्रति किलो आ रहा है। ऐसे में खरीद इस पूरे रेट पर तो हो नहीं सकती। क्योंकि इसी से कबाड़ सेंटर को भी अपना समस्त खर्च निकालना है। ऐसे में अपने यहां कबाड़ वह करीब इसके आधे कीमत पर खरीदेगा। यह मूल्य लगभग 22 रुपये प्रति किलो का बन रहा है।

सरकारी कार्यालयों ने भेजी अपने कबाड़ वाहनों की लिस्ट

इनमे 15 वर्ष पुरानी इस तरह की 3367 गाड़ियाँ हैं। इस तरह की गाड़ियाँ पुलिस विभाग में सबसे ज्यादा हैं। इस तरह की कुल 397 गाड़ियाँ पुलिस विभाग के पास हैं। इनमें से 31 गाड़ियाँ तो 20 वर्ष से अधिक पुरानी हैं। एवं 366 गाड़ियाँ 15 वर्ष पुरानी हैं। जिनकी सेवा अभी ली जा रही है। वैसे इस श्रेणी की 8 गाड़ियाँ और भी हैं, पर वे चलती नहीं हैं। 

इस तरह की 222 गाड़ियाँ नगर विकास निदेशालय के पास हैं। सिंचाई विभाग के पास 15 वर्ष पुरानी इस तरह की 168 गाड़ियाँ हैं, जो अभी दौड़ रही हैं।

इस तरह की 93 पुरानी गाड़ियाँ उप्र राज्य सेतु निगम के पास हैं, जो संचालित हैं। इस तरह की 258 बसें उप्र राज्य परिवहन निगम के पास हैं। इनमें 89 बसें तो 20 वर्ष पुरानी हैं, जबकि 169 बसें 15 वर्ष पुरानी हैं।

 प्राइवेट गाड़ियों की उम्र निर्धारित नहीं

प्राइवेट गाड़ियों की उम्र निर्धारित नहीं की गई है। इस तरह की गाड़ी की फिटनेस 15 वर्ष पश्चात करानी पड़ती है। फिट होने पर उसका रजिस्ट्रेशन अगले 5 वर्ष हेतु रिन्युअल हो जाता है। ऐसे ही प्राइवेट कामर्शियल गाड़ी ट्रक इत्यादि का भी प्रत्येक 2 वर्ष में फिट होने की हालत में रिन्युअल होता रहता है।

वैसे यह नियम राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में खत्म कर दिया गया है। वहां डीजल गाड़ी की उम्र 10 वर्ष एवं पेट्रोल चलित गाड़ी की उम्र 15 वर्ष निर्धारित कर दी गयी है। इसके पश्चात उनका रजिस्ट्रेशन रिन्युअल नहीं होगा। ऐसे में उन्हें अपनी गाड़ी या तो कबाड़ में बेचना पड़ेगा या उन्हें एनसीआर से बाहर ले जाना पड़ेगा।

पुरानी एसयूवी कार के दिए जायेगे 25740 रुपये

यदि कोई अपनी 15 वर्ष पुरानी एसयूवी कार इस नीति में देने लगे, एवं उसका वजन 2000 किलो हो तो, उसका वजन 65% माना जाएगा, यानि उसका कुल वजन 1200 किलो माना जाएगा। जिसका 90% यानि उसे 25740 रुपये दिए जाएंगे।

इसी प्रकार यदि कोई अपनी 15 साल पुरानी मोटरसाइकिल इस नीति में देने लगे तो उसे करीब 2500 रुपये मिलेंगे। यदि मोटर साइकिल का वजन 180 किलो हैं, तो उसका वजन 65% के अनुसार117 किलो माना जायेगा। 22 रुपये प्रति किलो के हिसाब से 2574 रुपये बने। जिसका 90% यानि 2316 रुपये कीमत दी जाएगी।

वैसे इसका एक प्रमाण पत्र भी स्क्रैप सेंटर से दिया जायेगा। जिसे दिखाकर नई गाड़ी के रजिस्ट्रेशन कराने पर छूट मिलेगी। नई कबाड़ नीति 1 अप्रैल से लागू हो रही है। यूपी में सबसे अधिक कबाड़ सेंटर बन रहे हैं। यहां इस नीति पर सही ढंग से काम होने की पूरी उम्मीद है। इसकी पूरी एसओपी भी बना दी गई है। शासन को प्रस्ताव इस्पात मंत्रालय के मानक को आधार मानकर भेज दिया गया है।

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