लखनऊ 9 जनवरी 2023: डीजीपी देवेंद्र सिंह चौहान ने शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में घुमंतू गिरोह ( बावरिया, कच्छा बनियान) के अपराध और अपराधियों पर प्रभावी अंकुश लगाने के निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा है कि,ठंड का मौसम आते ही घुमंतू गिरोह की सक्रियता में वृद्धि हो जाती है।
इससे निपटने के लिए पुरानी घटनाओं पर विचार करते हुए सतर्क मोड पर आ जाएँ। समस्त जनपदों के अफसर स्थानीय थानेदार के साथ गश्त करने के अतिरिक्त संदिग्ध लोगों का सत्यापन का कार्य प्रारंभ करें।
योजनाबद्ध तरीके से की जाएगी गश्त
डीजीपी ने समस्त जनपदों के पुलिस अफसरों से बताया है कि, सर्दियों में रात के वक़्त घुमक्कड़ / बावरिया / कच्छा बनियानधारी अपराधियों की गतिविधियों में वृद्धि हो जाती है। इनको रोकने हेतु पुरानी वारदातों की समीक्षा के अनुसार हॉट स्पॉट चिह्नित करते हुए गश्त प्रारंभ करने के साथ संदिग्ध लोगों की धर पकड़ में वृद्धि की जाए। इसके लिए खास तौर पर रात की गश्त सुबह तक निरंतर करवायी जाए। इस समय हूटर / सायरन / फ्लैश लाइट का प्रभावी उपयोग किया जाए।
सुरक्षा समितियों को पुलिस ने किया सक्रिय
पुलिस ने ठंडियों में लूटपाट की घटनाओं की रोकथाम हेतु गश्त प्रारंभ कर दी है। एवं ग्राम- मोहल्ला सुरक्षा समितियों को भी सक्रिय किया है। जिससे किसी भी तरह की घटना होने पर पुलिस सक्रिय हो सके। एवं संदिग्ध लोगों के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त होते ही कार्यवाही की जाए।
बाहरी लोगों का किया जायेगा सत्यापन
डीजीपी के आदेश मिलते ही पुलिस सतर्क मोड पर पहुच गई है। इसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों ,रेलवे पटरी किनारे, झोपड़ पट्टी और किराये पर निवास करने वाले लोगों के सत्यापन की कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है।
घुमंतू गिरोह के परिवर्तित स्वरुप ने बढ़ाई पुलिस की मुश्किलें
घुमंतू गिरोह ने वक़्त के साथ अपने अपराध का तरीका परिवर्तित किया है। यह लोग बस्ती में किराए पर कमरा लेकर निकटवर्ती लोगों से घुल मिल जाते हैं और रात को वारदातों को अंजाम देते हैं। बावरिया, कच्छा-बनियान जैसे घुमंतू गिरोहों के अपराध करने का तौर तरीका बेहद खतरनाक है।
स्थाई रूप से राजस्थान के भरतपुर क्षेत्र की यह जनजाति वारदात के समय हिंसा करते हैं। यह लोग हथियारों के स्थान पर लोहे की राड का प्रयोग करते है एवं विरोध पर इसी से हमला करते है। घटना को अंजाम देने हेतु वह लोकल स्तर पर पिकअप, टेंपो और आटो किराये पर लेकर टहलते हैं। जिससे चेकिंग या पुलिस के रोके जाने पर चालक संभाल सके। एवं यह लोग अब जींस और टी शर्ट पहनकर टहलते है जिससे इन पर कोई आशंका न कर पाये।
सख्ती से पालन करने के निर्देश
घुमक्कड़ अपराधियों के रुकने के ठिकानों खास तौर से शहर, कस्बों के बाहरी क्षेत्रों, रेलवे लाइन एवं सड़कों के निकट लगे अस्थायी टेन्टो की छानबीन करायी जाए। रेलवे स्टेशन के निकट, कालोनियों में जीआरपी के अफसरों के साथ समन्वय स्थापित कर गश्त / चेकिंग की कार्यवाही प्रभावी रूप से की जाये।लावारिस वाहन, एकान्त व सूनसान क्षेत्रों में खड़े वाहनों की प्रभावी जाँच की जानी चाहिए। रात में शराब ठेकों, ढाबों आदि के निकट भी संदिग्धों की जाँच होनी चाहिए।
बीते 10 सालों में इस तरह के अपराधों में सम्मिलित रहे अपराधियों को सूचीबद्ध करते हुये उनके सत्यापन की कार्यवाही हेतु अभियान शुरु किया जाए। गिरोह का गैंगचार्ट बनाकर नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही प्रारंभ की जाये। इन अपराधियों की हिस्ट्रीशीट खोलने की कार्यवाही भी की जाये जिससे इनकी निगरानी की जा सके।