लखनऊ 26 दिसम्बर 2022: कहावत है ‘मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, यह सच कर दिया है उत्तर प्रदेश की प्रियंका शर्मा ने। प्रियंका काफी संघर्षों को हराकर यूपी परिवहन निगम की पहली महिला चालक बन गई हैं। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन द्वारा भर्ती 26 महिला ड्राइवरों में से प्रियंका भी एक हैं। प्रियंका के पति की मृत्यु शराब पीने की वजह से शीघ्र हो गयी थी। इसके पश्चात दो बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारी उसके ऊपर आ गई थी।
बात करने पर उसने बताया कि ,मेरे पति के निधन के पश्चात, मेरे बच्चों को पालने की पूरी जिम्मेदारी मेरे ऊपर थी। मैं अच्छे अवसरों हेतु दिल्ली चली आयी। प्रारंभ में मुझे एक कारखाने में हेल्पर के रूप में नौकरी मिली। परन्तु उसके पश्चात मैंने ड्राइविंग कोर्स में एडमिशन लिया। ड्राइविंग कोर्स करने के पश्चात मैं मुंबई चली गई। इसके बाद बंगाल और असम के अतिरिक्त अनेक राज्यों की यात्रा भी की।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को महिला चालकों को अपने पैरों पर खड़े होने का अवसर प्रदान करने हेतु धन्यवाद दिया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 में योगी जी और मोदी जी ने महिला चालकों हेतु नौकरी की जगहें स्थापित की। मैंने भी फॉर्म भरा था। मैंने मई में ट्रेनिंग पास की और मुझे सितंबर में नियुक्ति मिली। वैसे हमारी तनख्वाह कम है, परन्तु हमें सरकार से उचित सहयोग प्राप्त हो रहा है।
इस प्रकार बनीं ट्रक से बस चालक
आपको बता दें कि, प्रियंका बिहार के जनपद बांका के हरदौड़ी गांव की निवासी हैं। उनकी वर्ष 2002 में राजीव नाम के व्यक्ति से शादी हुई थी। उनके दो पुत्र हैं। ड्राइविंग कोर्स करने के पश्चात उन्होंने पहले ट्रक चलाने का निर्णय किया। पहले तो वह हेल्पर के पद पर कार्य करती थीं, परन्तु उसके पश्चात वह ट्रक चलाने लगीं। वैसे उनका ट्रक चलाना प्रियंका के माता पिता और भाइयों को अच्छा नही लगा। इसकी वजह से उन्होंने प्रियंका से दूरी बना ली। उसके पश्चात उन्होंने बस चलाने का निर्णय किया। और अब वह यूपीएसआरटीसी में पहली महिला बस ड्राइवर बन गईं।