लखनऊ 13 दिसम्बर 2022: राजनैतिक वर्चस्व के कारण जून 2004 में भाजपा नेत्री मालती शर्मा की हत्या और हत्या का षडयंत्र रचने के सम्बन्ध में भाजपा की पूर्व पार्षद अलका मिश्रा, सिपाही राजकुमार राय, रोहित सिंह और आलोक दुबे को उम्रकैद की सजा सुनाई गयी है। एडीजे विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने सभी अभियुक्तों पर जुर्माना भी लगाया है।
गोमती नगर पुलिस ने सिपाही राजकुमार राय और अलका के सहयोगी रोहित यादव को हिरासत में लेकर हत्याकांड का खुलासा किया था। छानबीन में जानकारी हुई थी कि मालती की हत्या की साजिश विकासनगर की तत्कालीन पार्षद अलका और आलोक दुबे ने ही रची थी।
सेवानिर्वित डीआईजी पीके मिश्रा की पत्नी अलका मिश्रा की मालती से राजनैतिक वर्चस्व के सम्बन्ध में अनबन थी। अलका मिश्रा भाजपा के अवध क्षेत्र की पूर्व उपाध्यक्ष रहीं हैं। सर्वोदय नगर में सात जून, 2004 को गुडंबा के कल्याणपुर की रहने वाली मालती को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया था।
इस सम्बन्ध में अदालत ने 9 दिसंबर को चारों आरोपियों को दोषी पाया था, परन्तु अलका मिश्र कोर्ट से भाग गई थी। इस सम्बन्ध में अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था जिसके पश्चात पुलिस ने रविवार को अलका मिश्रा को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया था। अदालत ने सोमवार को समस्त अभियुक्तों को आजीवन कारवास की सजा सुनाई।
अदालत ने अलका मिश्रा और आलोक दुबे को हत्या का षडयंत्र रचने, राजकुमार राय को हत्या, अपहरण, साजिश रचने व आर्म्स एक्ट एवं रोहित सिंह की हत्या और आर्म्स एक्ट में दोषी पाया है। एवं अलका मिश्रा व आलोक दुबे पर 10-10 हजार, राजकमार राय पर 35 हजार और रोहित सिंह पर 15 हजार रूपये का जुर्माना भी लगाया है।
आपको बता दें कि सर्वोदय नगर में 07 जून 2004 को गुडंबा के कल्याणपुर की रहने वाली भाजपा नेता मालती शर्मा की हत्या कर दी गयी थी। वह एक रात पूर्व संदिग्ध परिस्थिति में गायब हुई थीं। 7 जून को उनका शव सर्वोदयनगर में प्राप्त हुआ था। मालती स्थायी तौर पर जौनपुर की रहने वाली थीं।
हत्या की सूचना प्राप्त होने पर तत्कालीन एसपी ट्रांसगोमती राजू बाबू सिंह और सीओ क्राइम राजेश्वर सिंह ने सिपाही राजकुमार राय व अलका के सहयोगी रोहित यादव को हिरासत में लेकर इस हत्याकांड का खुलासा किया था।
राजकुमार व रोहित के बयान के पश्चात ही चौंकाने वाला खुलासा हुआ था कि मालती की हत्या का षडयंत्र सेवानिर्वित डीआईजी पीके मिश्रा की पत्नी व तत्कालीन विकासनगर की पार्षद अलका मिश्रा ने बनायीं थी। दोनों ही भाजपा की नेता थीं। ये प्रकरण काफी चर्चित रहा है।
इसके पश्चात भाजपा ने अलका मिश्रा को पार्टी की सदस्यता से निलंबित कर दिया था। वहीं लोगों ने सीबीआई जांच की मांग भी की थी। एसीपी गाजीपुर विजय राज के अनुसार,प्रकरण में अलका मिश्रा बेल पर थी।