लखनऊ 02 दिसम्बर 2022: इंसान के जीवन में दुःख किस समय आये, ये मालुम नहीं होता। हम आपको आज एक ऐसे युगल के बारे में बता रहे हैं जिन्होंने बचपन से समाज की यातनाए झेली ,इसके पश्चात भी मनोबल नहीं टूटने दिया, हालाँकि उनकी गलती थी ही नहीं, लेकिन सजा मिली। आज वो समाज के समक्ष सक्त दीवाल बन कर खड़े हैं ।
पैदायशी एचआईवी पॉजिटिव थे
(परिवर्तित नाम) रमेश और अनीता पैदायशी एच्आईवी पॉजिटिव थे। ये बीमारी उनको जन्म से पूर्व ही अपने माता पिता के द्वारा मिली थी। आज इन दोनों के परिवार में इन लोगों के अतिरिक्त अन्य कोई जीवित नहीं हैं। जब रमेश और अनीता के पॉजिटिव होने की सूचना गांव वालों को मिली तो सभी ने अत्यधिक ताने सुनाये एवं गांव के बाहर खेत में रमेश और अनीता का डेरा डाल दिया गया। अत्यधिक यातनाओं के पश्चात रमेश और अनीता ने अपने भीतर की आवाज को सुना और इलाज के लिए शहर लखनऊ शहर आये और अपना इलाज प्रारम्भ करवाया। आज दोनों स्वस्थ हैं।
दो लोगो की एक कहानी, परिवर्तित कर दी अपनी दुनिया
अनीता और रमेश दोनों ही पैदायशी एचआईवी पॉजिटिव हैं। इलाज के समय दोनों की मुलाकात किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविधालय में एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (ART) केंद्र पर हुई। कुछ मुलाकातों के पश्चात दोनों ने विवाह के जोड़े में जुड़ने का फैसला किया। अनीता और रमेश ने आपस में अपने गमों को शेयर किया। यह दोनों जो अपराध नहीं किये थे,वो जीवन जी रहे थे। इसके पश्चात विवाह के निर्णय पर रजामंदी हुई एवं वैवाहिक बंधन में बंध गए।
जब अनीता ने गर्भ रखने की बात रमेश से कही तो दोनों ने अपने डॉ से सलाह ली और एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। आज दोनों एक खुशहाल जिन्दगी जी रहे हैं। अब ये दोनों अपने तरह के लोगों को उचित इलाज के लिए समझाते हैं और खुशहाल जिन्दगी जीने का तरीका भी बताते हैं।