लखनऊ 03 दिसम्बर 2022: बिजली कर्मियों के चार दिन से किये जा रहे कार्य बहिष्कार का असर अब आपूर्ति पर पड़ने लगा है। स्थानीय स्तर पर और तकनीकी वजहों से होने वाली गड़बड़ियाँ वक्त पर सही नहीं हो पा रही हैं। इससे जनपदों में आपूर्ति व्यवस्था गड़बड़ा गई है। परन्तु बिजलीकर्मियों और पावर कॉर्पोरेशन प्रबंधन के बीच मतभेद बना हुआ है। शुक्रवार को कार्य बहिष्कार में कुछ अन्य यूनियन भी मिल गए एवं सारा दिन विरोध-प्रदर्शन करते रहे।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों के अनुसार, कि उच्च प्रबंधन ऊर्जा मंत्री के निर्देशों को भी नजरंदाज कर रहा है। पावर कॉर्पोरेशन के चेयरमैन ने डर का माहौल तैयार कर रखा है जिससे कर्मचारियों को कार्य करना दुर्भर हो गया है। ऊर्जा निगमों को मनमानी से आजाद कराने के लिए आंदोलन में विधुत मजदूर यूनियन भी मिल गया है।
विधुत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बुलावे पर किये जा रहे रहे कार्य बहिष्कार से उपभोक्ताओं की परेशानियाँ विकट होने लगी हैं। गोरखपुर, वाराणसी सिद्धार्थनगर, बलिया, आजमगढ़, जौनपुर, भदोही, गाजीपुर, सुल्तानपुर, अयोध्या, गोंडा, प्रतापगढ़, प्रयागराज, कौशांबी, फतेहपुर अमेठी, बाराबंकी, सहारनपुर, गाजियाबाद व चित्रकूट समेत कई जनपदों में आपूर्ति व्यवस्था बुरी तरह से खडबडा गयी हैं। उपभोक्ताओं को कई- कई घंटे बिजली नहीं प्राप्त हो रही है। परन्तु प्रबंधन की तरफ से अवरोध समाप्त कराने की कोशिश नहीं की गई है।
यूनियन के अध्यक्ष आरवाई शुक्ला, महामंत्री श्रीचंद्र व पूर्व अध्यक्ष शमीम अहमद शमीम ने कार्यकर्ताओं के साथ हाईिडल फील्ड हॉस्टल आकर समर्थन की घोषणा की । हलांकि, पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन ने कार्य बहिष्कार सेदुर रहते हुए जनपदों में आपूर्ति व्यवस्था बनाए रखने का दावा किया।