लखनऊ 15 दिसम्बर 2022: इलाहबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनाव की अधिसूचना 20 दिसम्बर तक के लिए स्थगित कर दी है। एवं राज्य सरकार को भी आदेश दिया कि 20 दिसंबर तक बीते 5 दिसंबर को जारी अंतिम आरक्षण की अधिसूचना के अंतर्गत अंतिम आदेश न निकालें। अदालत ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को वास्तविक आरक्षण का फायदा दिए जाने व सीटों के रोटेशन के मुद्दों के सम्बन्ध में पेश एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। पूर्व में अदालत ने इस सम्बन्ध में राज्य सरकार से समस्त जानकारी भी उपलब्ध कराने को कहा था । बुधवार को सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से उत्तर पेश करने हेतु
03 दिन का समय देने का अनुरोध किया गया। जिसे अदालत ने स्वीकार करते हुए पूर्व में लगाई अंतरिम रोक को 20 दिसंबर तक के लिए बढ़ा दिया और इस सम्बन्ध में अगली सुनवाई 20 दिसंबर को तय की है।
न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव की खंडपीठ ने यह आदेश रायबरेली निवासी समाजिक कार्यकर्ता वैभव पांडेय की जनहित याचिका पर दिया। इसमें स्थानीय निकाय चुनाव में पिछड़ा वर्ग को वास्तविक आरक्षण का फायदा दिए जाने व सीटों के रोटेशन के मुद्दे उठाए गए हैं। वादी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अंतर्गत जब तक राज्य सरकार तिहरे परीक्षण की कार्यवाही पूर्ण नहीं करती तब तक ओबीसी को कोई आरक्षण नहीं दिया जा सकता। राज्य सरकार ने ऐसा कोई परीक्षण नहीं किया है। जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पूरी तरह उल्लंघन है। यह भी दलील दी कि यह कार्यवाही पूर्ण किए बिना सरकार ने गत 5 दिसंबर को अंतिम आरक्षण की अधिसूचना निकाल दी। इससे स्पष्ट होता है कि राज्य सरकार ओबीसी को आरक्षण देने जा रही है। साथ ही सीटों का रोटेशन भी नियमानुसार किए जाने हेतु अनुरोध किया गया है। वादी ने इन त्रुटियों को समाप्त करने के पश्चात ही चुनाव की अधिसूचना जारी किए जाने का अनुरोध किया।
इस पर, सरकारी अधिवक्ता ने यह कहते हुए अपील का विरोध किया था कि 5 दिसंबर की सरकार की अधिसूचना मात्र एक ड्राफ्ट आदेश है। जिस पर सरकार ने आपत्तियां मांगी हैं। ऐसे में इससे व्यथित वादी व अन्य लोग इस पर अपनी आपत्तियां पेश कर सकते हैं। इस प्रकार अभी यह अपील वक़्त से पहले पेश की गई है। इस पर अदालत ने सोमवार को अपील की सुनवाई को स्वीकार करते हुए राज्य निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया था कि बुधवार तक चुनाव की अधिसूचना न जारी करे। एवं राज्य सरकार को भी निर्देश दिया कि बुधवार तक बीते 5 दिसंबर की अधिसूचना के अंतर्गत जारी ड्राफ्ट आदेश पर आधारित अंतिम आदेश जारी न करे। अदालत ने अब इस अंतरिम रोक के आदेश को 20 दिसंबर तक और बढ़ा दिया है।