लखनऊ 15 जनवरी 2023: 10 वर्ष के काफी अन्तराल के पश्चात अमौसी हवाई अड्डे के रनवे विस्तार का मार्ग अब खुल गया है। इसकी लंबाई में 500 मीटर की वृद्धि होगी। इसके लिए रनवे के दोनों तरफ 150-150 मीटर स्थान खाली करवाने का कार्य भी प्रारंभ कर दिया गया है। हवाई अड्डे को पर्यावरण क्लीयरेंस पूर्व में ही प्राप्त हो गयी है। रनवे की लंबाई में वृद्धि से लखनऊ से यूरोप, अमेरिका की फ्लाइटें भी प्रारंभ हो सकेंगी।
चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर विमानों व यात्रियों की तादात में वृद्धि हो रही है। नए टर्मिनल टी-थ्री का निर्माण किया जा रहा है। एवं,अब रनवे विस्तार का मार्ग खुल जाने से हवाई अड्डे के कद में और वृद्धि होगी । इस समय हवाई अड्डे पर केवल एक रनवे है, जिसकी लंबाई 2,744 मीटर है। पहले इसकी लंबाई में 800 मीटर की वृद्धि का प्रस्ताव बना,लेकिन जमीन की कमी के कारण इसे कम कर 500 मीटर कर दिया गया। जबकि, इसके लिए भी नागरिक उड्डयन विभाग व हवाई अड्डे प्रशासन में फाइलों का दौर चलता रहा।
इसी समय हवाई अड्डे का नियंत्रण प्राईवेट हाथों में चला गया। इसके पश्चात हवाई अड्डे प्रशासन ने पहले रनवे विस्तार हेतु पर्यावरण क्लीयरेंस प्राप्त किया एवं अब विस्तार का स्वरुप बनाकर कार्य प्रारंभ कर दिया है। हवाई अड्डे की लंबाई में पूर्व की तरफ वृद्धि की जाएगी। प्रवक्ता ने कहा कि,रनवे के सेंटर से दोनों तरफ डेढ़-डेढ़ सौ मीटर रिक्त जमीन की आवश्यकता होती है। चूंकि हवाई अड्डे की जमीन पर काफी वक़्त से लोग कब्ज़ा किये हैं, इस वजह से इसे खाली कराने की कोशिश प्रारंभ कर दी गयी हैं। ऐसा होते ही रनवे विस्तार का कार्य प्रारंभ हो जाएगा।
रनवे विस्तार के रूल्स
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के अफसरों ने कहा कि,रनवे विस्तार के कुछ रूल्स हैं। रनवे के सेंटर से दोनों तरफ डेढ़-डेढ़ सौ मीटर जमीन रिक्त होनी चाहिए, जिससे बड़े विमानों की लैंडिंग व टेकऑफ में परेशानी न आये। दोनों तरफ कुल 300 मीटर जमीन की जरुरत है।
लैंडिंग कर सकेंगे जंबो जेट
अमौसी हवाईअड्डे पर रनवे के विस्तार के पश्चात यहां जंबो जेट जैसे बड़े विमानों की लैंडिंग भी सरलता से हो सकेगी। इसके साथ ही लखनऊ से यूरोप व अमेरिका की उड़ानें भी प्रारंभ हो सकेंगी। इसके सम्बन्ध में पहले भी विचार-विमर्श किया जा चुका है,लेकिन रनवे की लंबाई कम होने से ऐसा किया नही जा सका। अभी कनेक्टिंग फ्लाइटों से लखनऊ के यात्री यात्रा करते हैं।
टी-थ्री टर्मिनल में डिपार्चर पुल का कार्य आखिरी चरण में
अमौसी हवाईअड्डे पर टर्मिनल टी-थ्री का कार्य किया जा रहा है। इसके प्रारंभ होने से हवाईअड्डे की क्षमता में कई गुना की वृद्धि हो जाएगी। टी-थ्री टर्मिनल में डिपार्चर हेतु तैयार किये जा रहे पुल का कार्य आखिरी चरण में है। यात्री डिपार्चर हेतु इस पुल के द्वारा हवाईअड्डे कैंपस में प्रवेश करेंगे। एवं, विमानों से लखनऊ आने वालों हेतु अराइवल गेट नीचे तैयार किया जा रहा है। टर्मिनल के निर्माण हेतु लगभग डेढ़ हजार करोड़ रुपये खर्च किये गए थे, जिसका बजट बढ़ना निश्चित समझा जा रहा है।