यूपी में 1.68 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव, 1.25 लाख करोड़ रुपये के एमओयू साइन।

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लखनऊ 03 दिसम्बर 2022: सरकार ने फरवरी में संपन्न होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 में ₹10 लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखा है। अभी जीआईएस-23 के पास दो माह से ज्यादा समय उपलब्ध है एवं सरकार द्वारा प्रारम्भ किए गए पोर्टल निवेश सारथी के द्वारा उसे 30 नवंबर तक 1.68 लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिल चुके हैं। विशेष बात ये है कि इनमे से 1.25 लाख करोड़ के एमओयू हो चुके हैं।

इन एमओयू के द्वारा 5.5 लाख से अधिक नौकरी की जगहें उत्पन्न होने की उम्मीद है। प्रदेश में 10 से 12 फरवरी के बीच लखनऊ में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का सम्मलेन किया जा रहा है।

बड़ी संख्या में निकलेंगी नौकरियां

निवेश सारथी डैशबोर्ड के मुताबिक, पोटर्ल के माध्यम से निवेशकों के  द्वारा कुल 148 एमओयू अब तक साइन किए जा चुके हैं। इन 148 एमओयू के माध्यम से सरकार को कुल 125,885 लाख करोड़ के प्रस्ताव  मिले  हैं। इन एमओयू के माध्यम से होने वाले निवेश से उत्तर प्रदेश में 5,63,496 नौकरियों के निकलने की उम्मीद है । इन एमओयू से अलग, पोर्टल के द्वारा अभी भी 315 निवेश के ऐसे प्रस्ताव हैं जो अभी एमओयू की  कार्यवाही में सहयोग दे रहे हैं। अगर इनसे भी एमओयू होता है तो उत्तर प्रदेश में काफी तादात में युवाओं के लिए नौकरी की जगहें मिलेंगी।  

पोर्टल पर 30 नवंबर तक निवेशकों की तरफ से मात्र 472 इंटेंट  मिले हैं। इन इंटेंट का प्रस्तावित निवेश 1,68,759 लाख से भी अधिक का है।अ गर ये समस्त इंटेंटएमओयू एवं निवेश में परिवर्तित हो जाएं तो इनके द्वारा 6,79,338 नौकरियों का मिलना संभव है। लगभग 6 इंटेंट इस प्रकार के है जिनकी कार्यवाही पूरी नहीं हो सकी। 30,395 लाख के इंटेंट वापस कर दिए गए, हलांकि निवेशकों की 3,920 लाख के 4 इंटेंट की जाँच अभी लंबित है।

समस्त इंसेटिव्स प्राप्त होंगे ऑनलाइन

निवेश सारथी पोर्टल के समान ‘निवेश मित्र’ भी विशेष भूमिका में होगा। यह पोर्टल निवेशकों के इंसेटिव्स को ऑनलाइन ही भेज देगा। निवेशकों को इंसेटिव्स के लिए कार्यालयों में दौड़ – भाग नहीं  करनी होगी। इसके लिए सरकार ने पोर्टल पर ऑनलाइन इंसेंटिव्स मैनेजमेंट सिस्टम (ओआईएमएस) को प्रारम्भ किया है। इसके द्वारा इंसेंटिव्स की प्रक्रिया, स्वीकृति एवं भुगतान किया जाएगा। पोर्टल यह भी  देखेगा कि संबंधित विभाग में इंसेंटिव की प्रक्रिया का ऑनलाइन निराकरण हो एवं प्रत्येक लेबल पर निवेशक इसके स्टेटस को प्राप्त कर सकें।