लखनऊ 29 दिसम्बर 2022: पारा में गरीबों के निम्न गुणवत्ता के 2 हजार से ज्यादा मकान बनवाने वाले एलडीए के 13 अधिकारीयों, इंजीनियरों से 3 करोड़ और ठेकेदार से 60 लाख की हानि की उगाही की जायेगी। इनमें एक पीसीएस अधिकारी भी है।
एलडीए ने देवपुर पारा में रिक्शा चालकों व दैनिक कमाई करने वालों हेतु वर्ष 2000-2001 में 59 बीघे जमीन पर आश्रयहीन योजना प्रारंभ की थी। इसका कार्य करवाने वाले 13 अधिकारीयों-इंजीनियरों और ठेकेदार ने अपनी जेब गर्म करने हेतु गुणवत्ता पर विचार नहीं किया। साल 2005 में बनाये गये मकानों की स्थिति देखकर इनमें निवास करने वालों को कभी भी दुर्घटना होने का खतरा बताया गया। इसलिए एलडीए बोर्ड ने इन मकानों को जमीदोज करने का प्रस्ताव पास कर शासन से स्वीकृति प्राप्त कर ली है। साल 2014 में मकानों को जमीदोज करने की प्रक्रिया प्रारंभ हुई थी।
उच्च न्यायालय के आदेश पर एलडीए ने प्रकरण की छानबीन की। इसमें दोषी मिले 13 अधिकारीयों-इंजीनियरों पर कार्यवाही हेतु 26 दिसंबर को शासन को रिपोर्ट भेजी गई। इनमें ज्यादातर रिटायर्ड अधिकारी और इंजीनियर शामिल हैं। इनसे 3 करोड़ एवं 60 लाख की उगाही ठेकेदार से होगी। जबकि, एलडीए के लिए सबसे अधिक समस्या ठेकेदार से वसूली करना है। इसकी जाँच की जा रही है कि वह अभी एलडीए में कार्य कर रहा है अथवा नहीं।
दोषी मिले अधिकारीयों एवं इंजीनियरों में पूर्व नगर नियोजक भारत भूषण, पूर्व मुख्य अभियंता आरपी शुक्ला, ललित किशोर मेहरोत्रा, विवेक मेहरा, एके गुप्ता, अधिशासी अभियंता एनएस दत्ता, आरएल सरोज, फुल्लन राय, सहायक अभियंता एसएस वर्मा, अवर अभियंता बीके राय, वीेरेंद्र पांडय, देवेंद्र गोस्वामी एवं एक पीसीएस व प्राधिकरण सेवा के अधिकारी शामिल हैं। अवर अभियंता बीके राय के अतिरिक्त और सभी रिटायर हो गये हैं। एक मुख्य अभियंता की मृत्यु भी हो गयी है। वीसी डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी के अनुसार पारा आश्रयहीन योजना के अंतर्गत गरीबों के मकान बनाने में गुणवत्ता को नजरंदाज करने के संबंध में की गयी छानबीन में 13 अधिकारी व इंजीनियर दोषी मिले हैं। इनके विरुद्ध कार्यवाही की संस्तुति करते हुए शासन को 26 दिसंबर को जांच रिपोर्ट भेजी गयी है। हानि की क्षतिपूर्तिहेतु सभी से उगाही की जायेगी।