लखनऊ 01 दिसम्बर 2022: केजीएमयू एचआईवी संक्रमितों की जिंदगी बचाने के साथ ही विवाह के रिश्तों में भी जोड़ रहा है। लगभग 12 वर्षों में 67 संक्रमितों का विवाह कराया गया है। इनमें अनेक संक्रमितों के स्वस्थ्य बच्चे भी हैं। केजीएमयू एंटी एं रैट्रो वॉयरल थेरेपी (एआरटी प्लस) सेंटर में एचआईवी संक्रमितों की जांच व इलाज की सुविधा मौजूद है।
2005 से अब तक 17000 एचआईवी संक्रमित केजीएमयू के एआरटी प्लस सेंटर में रजिस्टर्ड हो चुके हैं। इस वक्त 2921 एचआईवी संक्रमित केजीएमयू के सेंटर से इलाज करा रहे हैं। प्रत्येक माह 20 से 30 नए मरीज रजिस्टर्ड हो रहे हैं। हलांकि प्रत्येक वर्ष 30 से 40 संक्रमितों की मौत हो जाती है।
2010 से संचालित किया जा रहा वैवाहिक समारोह
केजीएमयू के एआरटी प्लस सेंटर में बच्चे, युवा व वृद्ध प्रत्येक उम्र के मरीजों का इलाज होता है। ऐसे में संक्रमित युवक-युवतियों का विवाह एक विशेष चेलेंज बनकर सामने आयी है। युवाओं में जीने की अभिलाषा खत्म होने से शरीर पर बीमारी का अधिक प्रभाव पड़ रहा था। तब एआरटी सेंटर के नोडल अधिकारी डॉ. डी हिमांशुव वरिष्ठ परामर्शदाता के डॉ. सौरभ पॉलीवाल ने साल 2009 से युवक-युवतियां के शादी का अलग रजिस्टर बनाया। इसके पश्चात संक्रमित युवक-युवतियों के परिवारीजनों की बातचीत कराकर साल 2010 से शादी कराना प्रारम्भ किया। अब तक 67 संक्रमितोंका विवाह हो चुका है। वहीं लगभग 275 दम्पत्ति रजिस्टर्ड हैं।