लखनऊ 21 दिसम्बर 2022: चीन में पुनः कोविड के कहर में वृद्धि हुई है। इसको देखते हुए उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने प्रदेश भर में अलर्ट जारी किया है। उन्होंने निर्देश दिया है कि स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा विभाग में परीक्षण से लेकर उपचार तक की व्यवस्था प्रारंभ करें। एयरपोर्ट पर निगरानी तेज कर दी जाये। संक्रमण प्रभावित देशों की यात्रा से वापस आने वाले लोगों का परीक्षण कराया जाए। कोरोना पॉजिटिव मरीजों की जिनोम सीक्वेंसिंग कराई जाए ताकि वायरस के वैरिएंट को ढूंढा जा सके।
बुधवार को उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने प्रदेश के समस्त सीएमओ और चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण प्रभावित देश से वापस आने वाले यात्रियों का परीक्षण सुनिश्चित किया जाए। जिनोम सीक्वेंसिंग कराई जाए। इससे नए वैरिएंट की उचित जानकारी मिल सकती है। सर्दी-जुकाम और बुखार सहित अन्य लक्षण वाले यात्रियों की पहचान करें। कोविड संदिग्ध के नमूने लेकर परीक्षण कराया जाए। इस समय यात्रा से वापस आने वालो को होम आईसोलेशन में रहने की सलाह दी जाए। स्वास्थ्य विभाग विदेश की यात्रा से वापस आये लोगों की लिस्ट बनाए। 12 से 14 दिन तक उनके स्वास्थ्य की जानकारी लें। किसी भी प्रकार की तकलीफ होने पर उनका इलाज किया जाये।
परीक्षण व इलाज की व्यवस्था करें
कोविड संक्रमितों की भर्ती की व्यवस्था करें। ऑक्सीजन से लेकर आरटीपीसीआर, सीटी स्कैन, एक्सरे, पैथोलॉजी के परीक्षण से सम्बंधित उपकरणों की उचित व्यवस्था कर लें। मास्क, पीपीई किट व ग्लब्स आदि भी उचित संख्या में रखें। इलाज में प्रयोग होने वाली दवाओं की व्यवस्था करें।
सावधान रहने की जरूरत
उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने बताया कि ,चीन में संक्रमण के खतरे में पुनः वृद्धि हुई है। सतर्क रहकर कोविड के खतरों से खुद को सुरक्षित रख सकते हैं। भीड़-भाड़ में बिना आवश्यकता के जाने से बचें। मास्क लगाकर ही बाहर जाएँ। उन्होंने बताया कि जागरूकता से कोरोना को हराया जा सकता है। सतर्क रहें। दिशा-निर्देशों का पालन करें। इससे सरलता से संक्रमण को हराया जा सकता है।
इस समय में 21 जनपदों में मौजूद हैं कोरोना के मरीज
इस समय 21 जनपदों में कोविड के 95 मरीज मौजूद हैं। इनमें वाराणसी में 33, रायबरेली में 12, मेरठ में 7, गाजियाबाद में 5, कुशीनगर में 5, अंबेडकरनगर में 4 और अमरोहा, एटा व गोंडा में3-3 और अन्य जनपदों में इससे कम मरीज हैं।