बुजुर्ग महिला नाती के लाश के साथ 10 दिन से रह रही थी

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Lucknow Samachar 28 जून 2023: बाराबंकी में नाती के शव के साथ 10 दिनों से रह रही मिथलेश उर्फ़ रानी देवी के जीवन में एक और रहस्य शामिल हो गया है। अपने 2 बेटों के लापता होने एवं बेटी-दामाद की बीमारी से मृत्यु का दर्द झेल रही अब नाती की मृत्यु के पश्चात पूरी तरह से अपने होशो-हवाश खो बैठी है।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी प्रियांशु की मृत्यु का कारण पता नहीं चल पाया। रानी देवी को सबसे बड़ी बेटी एवं दामाद के यहां रविवार रात पहुंची पुलिस के सामने जब रानी के जीवन की किताब खुली तो, नाती प्रियांशु की मृत्यु की गुत्थी सुलझने के बजाय और उलझ गयी।

शहर के हजाराबाग मोहरिपुरवा मोहल्ले में स्थानीय लोगों को गत दिवस काफी तेज बदबू आने पर पुलिस को सूचित किया गया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मिथलेश उर्फ़ रानी के घर का दरवाजा खुलवाया, तो घर के अंदर उसके नाती प्रियांशु की सड़ी-गली लाश मिली।

मानसिक रूप से बीमार थी महिला

पुलिस को मानसिक रूप से बीमार मिथलेश अपने नाती के मृत्यु के बारे में कोई जानकारी न दे सकी तो, उनकी बड़ी बेटी ममता पत्नी कमलेश कुमार निवासी-बरोठा निघासन, जिला-खीरी को बुलवाया गया था। ममता ने बताया कि, उनकी माँ मिथलेश की पहली शादी महेंद्र मोहन अग्निहोत्री के साथ हुई थी। जिसके 2 पुत्र दीपू एवं अरुण एवं 2 पुत्री ममता एवं रजनी थी।

जबकि कुछ साल बाद ही महेंद्र ने दूसरा विवाह कर लिया। तब मिथलेश ने सत्यनारायण वर्मा से शादी कर ली। वैसे बाद में इनका भी देहांत हो गया था। बेटी रजनी और उसके पति राजीव के देहांत के पश्चात उनका पुत्र प्रियांशु अपनों नानी के पास रह रहा था।

बेटे हुए गायब, बहुएं छोड़ गयीं घर

विगत 10 साल के भीतर मिथलेश का पुत्र अरुण बाराबंकी से तो दीपू बरेली से संदिग्ध हालत में लापता हो गए थे, उनकी पत्नियां भी घर छोड़ कर चली गयीं थी। मिथलेश की इसके पश्चात हालत ख़राब होनी शुरू हो गयी थी। मिथलेश को परिवार के 4 सदस्यों को खोने का दुःख इस तरह से हिला दिया था कि, वह एक पल के लिए भी अपने नाती को अपनी आँखों से दूर नहीं होने देना चाहती थी।

इसी कारण वह न तो प्रियांशु को स्कूल भेजती एवं न ही उसको घर से बाहर निकलने देती थी। प्रियांशु के शव का सोमवार पोस्टमार्टम कराया गया ,परन्तु मौत की वजह स्पस्ट नहीं होने के कारण विसरा सुरक्षित रख लिया गया है। अब पुलिस के समक्ष कई अनसुलझे सवाल हैं। जिसका जवाब पता करना इतना सरल नहीं है।

बेटी दामाद के साथ जाने से किया इनकार

मिथलेश उर्फ़ रानी को बेटी ममता एवं दामाद कमलेश यहां आने के बाद से अपने साथ ले जाने की कोशिश करते रहे , परन्तु उन्हें सफलता नहीं मिली। मिथलेश अपने नाती की मृत्यु के पश्चात भी उसके लौट के आने का इंतजार कर रही है, एवं उनके साथ जाने से भी मना कर दिया।

पेंशन से करते थे जीवन-यापन

ममता ने बताया कि, वो बाराबंकी बहुत काम आ पाती थी। परन्तु फोन पर कभी कभी बात हो जाया करती थी। पेंशन के सहारे दोनों लोग अपना जीवन व्यतीत कर रहे थे। माह मई में अंतिम बार फोन आया था। तब प्रियांशु ने बिजली कट जाने की बात बताई थी। जिस पर बिजली का बिल जमा कराकर बिजली आपर्ति चालू कराई गयी थी। इसके बाद किसी से बात नहीं हो पायी थी।

मौसा -मौसी ने किया अंतिम संस्कार

मौत के कारणों का खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट में नहीं हुआ। शव को 8-10 दिन पुराना होने की बात बताई गयी है। इस प्रकरण में अनेक तथ्यों पर जाँच की जा रही है। पोस्टमार्टम के बाद मृतक के मौसा-मौसी ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया है।