लखनऊ 14 जनवरी 2023: यूपी एसटीएफ ने मेदांता, पीजीआई, एम्स एवं धीरूभाई अम्बानी अस्पताल जैसे मशहूर हास्पिटलों में भर्ती मरीजों के तीमारदारों से स्वयं को चिकित्सक कहकर ठगी करने वाले गैंग के मुखिया को गुरुवार लखनऊ से पकड़ लिया। उसने 100 से अधिक लोगों को अपना निशाना बनाकर लाखों की ठगी की थी। एसटीएफ बहुत दिनों से उसको ढूंड रही थी।
सोशल मीडिया से ढूढ़ता था मरीज, तीमारदारों से करता था संपर्क
एसटीएफ के अनुसार,गाजियाबाद के रहने वाले मुखिया राहुल ठाकुर उर्फ करीम सोशल मीडिया के द्वारा तीमारदारों का नम्बर ढूढ़ता था। वह स्वयं को चिकित्सक कहकर उनके मरीज की तबियत नाजुक बताते हुए एंटीडोज इंजेक्शन,प्लेटलेट्स एवं अन्य महंगी दवाएं बाहर से मंगवाने के लिए लाखों ले चुका है। इसने अब तक 100 से ज्यादा तीमारदारों को निशाना बनाया है। इसके पास से मेदांता के 3 जाली आईडी कार्ड, 9 मोबाइल, 5 सिम, 3 एटीएम, आधार प्राप्त हुए हैं।
मशहूर डॉक्टरों के नामों का करता था उपयोग
एसएसपी विशाल विक्रम सिंह के अनुसार, राहुल बड़े अस्पतालों के मशहूर चिकित्सक जैसे डॉ. पुनीत, डॉ. फरीदन खान, डॉ.विवेक सहित अनेक नामों से ठगी करता था। वह मरीजों के तीमारदारों को इन्हीं नामों से परिचय देता था। गुरुवार पुलिस ने उसे सुशांत गोल्फ सिटी थाना क्षेत्र में अवध शिल्प ग्राम के निकट से पकड़ा है।
दिल्ली में हास्पिटल के बाहर बेड उपलब्ध कराने की करता था दलाली
एसटीएफ ने कहा कि,राहुल दिल्ली के हिन्दूराव हास्पिटल में राजा नामक व्यक्ति के साथ सस्ती दवा एवं बेड उपलब्ध कराने की दलाली करता था। राजा ने कोरोना काल के वक़्त कहा था कि, वह ब्लड डोनेशन वाले ग्रुपों से मिल जाए। यहां तीमारदार सहायता मांगते है। राहुल ने कहा कि, ग्रुपों से मरीजों का विवरण, नंबर प्राप्त होने लगा। वह सम्पर्क कर जानकारी प्राप्त करता एवं संबंधित हास्पिटलों का चिकित्सक बनकर तीमारदार से मरीज की तबीयत नाजुक बताकर उनसे दवाए मंगवाने के लिए रुपए वसूलता था।
ठगी का पीजीआई थाने में लिखा गया केस
एसटीएफ ने कहा कि,14 मई 2022 को पीजीआई कोतवाली 10 अक्तूबर को सुशांत गोल्फ सिटी थाने में राहुल के विरुद्ध केस लिखा गया था। यहां राहुल ने स्वयं को डॉ. पुनीत बनकर तीमारदार अभिषेक से एंटीडोज इंजेक्शन के लिए भिन्न-भिन्न बैंक खातों, वॉलेट में रुपए जमा करवाये थे।
इसके अतिरिक्त उसने बेरोजगारों को भी नौकरी उपलब्ध कराने के नाम पर फंसाया था। उसने इन्हें हास्पिटल में नौकरी, उचित वेतन का भरोसा दिया। इसके पश्चात उनके अभिलेख से सिम प्राप्त किया। इसके पश्चात फिनो पेमेंट बैंक में खाता खुलवाया। इसका एटीएम कार्ड स्वयं रख लिया। ठगी में फंसे तीमारदारों से वह भिन्न-भिन्न यूपीआई, एटीएम के द्वारा रुपये वसूलता था। एसटीएफ ने इस प्रकार के अनेक युवकों से सम्पर्क भी किया है।