लखनऊ 22 दिसम्बर 2022: किडनी, लिवर और हृदय रोग की फर्जी दवाओं को अत्यधिक मात्रा में मार्केट में लाया गया है। यह अवैध धंधा बड़ी-बड़ी नामी कंपनियों के कवर का का उपयोग करके किया जा रहा है। प्रकरण की जानकारी मिलने पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने इस प्रकार की 14 फर्जी दवाओं के बैच नंबर सर्व कर बेचने व खरीदने पर पूर्णतः बैन लगा दिया है।
ड्रग इंस्पेक्टरों को लगातार छानबीन के निर्देश के अतिरिक्त फर्जी दवाओं को नष्ट करने के निर्देश जारी हुए हैं। इनको बेचने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही के भी निर्देश निकले गये हैं। मंगलवार को आगरा के एमएच फार्मा में जाँचपे के समय 14 फर्जी दवाएं मिली थी। यहां लगभग 4 लाख 82 हजार की फर्जी दवाएं पकड़ी गयी हैं। छानबीन करने पर बताया गया कि इन बैच की दवाएं प्रदेश के अनेक क्षेत्रों में आपूर्ति की जा चुकी हैं।
इन बैचों पर लगी रोक
सिप्ला लि. सिक्किम की डायटोर-10 : बैच नं. एनएन 21208, एनएन 20954, इसी कंपनी की मोंटेर-10 : बैच नं. एसएन 20446, एनएस 21076, एनएन 21615, आईपीसीए लैबोरेटरी की जीरोडाल टीएच 4 : बैच नं. एफएसटी 011022 एएस, जायडस की एटोर्वा 20 : बैच नं. एल 201281, अटोर्वा 10 बैच नं. एल 200712, मार्टिन एंड हैरिस लैबोरेटरी की यूरीस्पास : नं. टीयूआर-1940 व टीयूआर-1941, मैक्लेडस फार्मा की बायो डी3 प्लस : बैच नं. केबीसी 2252ए, यूएसवी प्रा.लि. की रोजीडे 10 : बैच नं 28023445 व 28023610, टोरेंटो फार्मा की डिलजेम एसआर : बैच नं. 2 टी 15 जे 003 को प्रतिबंधित किया गया है।
फर्जी दवाओं पर बैन हेतु निरंतर छानबीन
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के उपायुक्त (ड्रग) एके जैन ने कहा कि फर्जी दवाओं को न बेचा जाय इसके लिए पुरे प्रदेश में ड्रग इंस्पेक्टर निरंटर छानबीन कर रहे हैं। आगरा में मिली 14 दवाओं की बैच संख्या सर्व करते हुए इनको खरीदने एवं बेचने पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया है। ये दवाएं जहां भी मिलेंगी उसके विरुद्ध कार्यवाही होगी।
जानकारों के अनुसार,फर्जी दवाएं दिल्ली, हरियाणा एवं हिमाचल प्रदेश में बनायी जा रही हैं। पिछले दिनों हिमाचल प्रदेश के बद्दी में फर्जी दवा तैयार करने वाली कंपनी मिली। इसी प्रकार गाजियाबाद के ट्रानिका सिटी से भी फर्जी दवा को बड़ी-बड़ी नामी कंपनियों के कवर में पैक करने के आरोप में कई लोगों को जेल भेजा गया।