विदेशी जाती के कुत्ते रखने वालों को कराना होगा रजिस्ट्रेशन, देसी कुत्तों को पालने हेतु किया जाएगा जागरूक

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लखनऊ 22 दिसम्बर 2022: विदेशी जाती के कुत्ते रखने वालों को अब उसका रजिस्ट्रेशन कराना आवश्यक हो गया है। इसके अतिरिक्त मालिक को यह भी दिखाना होगा कि कुत्ते का सम्बंधित टीकाकरण हुआ है अथवा नहीं। उन्हें टीकाकरण का प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत करना होगा। नगर विकास विभाग ने पालतू व आवारा कुत्तों के सम्बन्ध में आदर्श   कार्यवाही प्रक्रिया (एसओपी)  निकाल दी है।

नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात की तरफ से  निकाले गये एसओपी में बताया गया है कि विदेशी जाती के अतिरिक्त देसी  जाती के कुत्तों को भी  पालने हेतु प्रेरित किया जाये। देसी कुत्तों को या पशु आश्रय केंद्र से जानवरों को पालने वालों को नगरीय निकायों में पंजीकरण में छूट प्रदान की जाए और अगर वहां पर नसबंदी सेंटर है तो उसका टीकाकरण भी मुफ्त होगा। 

 पालने हेतु प्रेरित किया जाएगा

सरकार घुमंतू जानवरों को पालतू बनाने हेतु लोगों को प्रेरित करने की भी योजना बना रही है। इसके लिए सरकारी भवनों में पेंटिंग और होर्डिंग के द्वारा लोगों को आवारा पशुओं को पालने हेतु प्रेरित किया जाएगा।

घुमंतू कुत्तों की हो देखरेख

हाईकोर्ट के आदेशों के क्रम में निकाली गयी एसओपी में बताया गया है कि, घुमंतू कुत्तों की जनसंख्या वृद्धि  की रोकथाम हेतु इनके भोजन, पानी एवं रहने के स्थानों, जिसमें खुले कूड़े की जगह, मांस की दुकानों पर ध्यान दिया जाये। इनके खाद्य कचरे की उपलब्धता को काबू में किया जाए। इन जगहों पर ही इनकी  तादात अधिक होती है जबकि स्वच्छ इलाकों में इनकी  तादात कम होती है। 

बिना पजीकरण के संचालित किये जा रहे पेट शाप बंद होंगे 

एसओपी मानक के अनुसार  हर 100 व्यक्ति पर तीन कुत्तों का अनुपात है। विदेशी कुत्तों को बेचने तथा प्रजनन केंद्रों को बिना वैध लाइसेंस के चलाने न दिया जाए। जो कुत्ते ब्रीडर एवं पेट शाप बिना पशु कल्याण बोर्ड के  पंजीकरण से संचालित हो रही रही हैं उन्हें अविलम्ब बंद कराया जाए।