लखनऊ 16 दिसम्बर 2022: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में अब एंबुलेंस खरीद में करोड़ों का घोटाला प्रकाश में आया है। यह घोटाला 3018 एंबुलेंस की अति आवश्यक विशिष्टताओं (स्पेसिफिकेशंस) में परिवर्तन करके किया गया है।प्रकरण की छानबीन प्रारंभ हो गई है। पहली नजर में लगभग 15 करोड़ का घोटाला प्रकाश में आया है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) में साल 2018 में पहले भाग में 662, दूसरे भाग में 812 और तीसरे भाग में 1544 एंबुलेंस खरीदी गईं। जेम पोर्टल के द्वारा तीन भाग में मात्र 3018 एंबुलेंस खरीदी गईं। प्रत्येक एंबुलेंस की कीमत लगभग 15 लाख रुपये थी। आपूर्तिकर्ता कंपनी ने एनएचएम को एंबुलेंस की आपूर्ति भी कर दी। लेकिन ब्लोअर समेत अनेक तकनीकी उपकरण एंबुलेंस में नहीं लगाये गये। इस दौरान कोविड आ गया और एंबुलेंस मरीजों को हॉस्पिटल ले जाने में व्यस्त हो गईं। कोविड समाप्त होने के पश्चात इस घोटाले की जानकारी हुई।
इसी समय उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन लिमिटेड के द्वारा नई एंबुलेंस खरीदी गईं। नई एंबुलेंस में ब्लोअर समेत अन्य हीटिंग उपकरण लगे हुए थे। इससे आशंका विश्वास में तब्दील हो गयी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक ने महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को पत्र लिखकर सम्बंधित प्रकरण की छानबीन कराने हेतु कहा। यह भी स्पष्ट किया कि आपूर्तिकर्ता कंपनी ने विभाग को दिए गए शपथ पत्र में जिस स्पेसीफिकेशन्स की जानकारी दी थी। वह आपूर्ति के वक़्त एंबुलेंस से हटा दिए गए हैं। ऐसे में महानिदेशालय ने प्रकरण की छानबीन प्रारंभ कर दी है।
लगभग 15 करोड़ का घोटाला— सूत्रों के अनुसार, एंबुलेंस से ब्लोअर, हीटिंग समेत अन्य उपकरण हटाने की कीमतों की अभी गणना की जा रही है। पहली नजर में प्रत्येक एंबुलेंस से लगभग 50 हजार रुपये के उपकरण हटाए गए हैं। इस तरह 3018 एंबुलेंस से लगभग 15 करोड़ नौ लाख रुपये का घोटाला हुआ है।
क्या बताते हैं जांच अधिकारी
प्रकरण की छानबीन हो रही है। कंपनी द्वारा अनेक उपकरण हटाने का प्रकरण प्रकाश में आया है। एंबुलेंस बनाने पर संबंधित कंपनियों को वाहन की टेस्टिंग एवं सर्टिफाइड करने की जिम्मेदारी आटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआई) की है। यह केंद्रीय एजेंसी है। संबंधित एंबुलेंस के मॉडल नंबर को एआरएआई को भेजा गया है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वह सर्टिफाइड थी या नहीं। उसमें क्या-क्या उपकरण उस समय लगे थे। ताकि उसी अनुसार आगे की कार्यवाही सुनिश्चित की जा सके।