शाइन सिटी की सहयोगी कंपनियों पर ईडी की कार्रवाई-: यूपी के 7 जिलों में 31.24 करोड़ की संपत्ति की गयी कुर्क।

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लखनऊ 21 नवम्बर 2022: यूपी, पश्चिम बंगाल समेत अन्य कई राज्यों में 80 हजार करोड़ की ठगी करने वाले शाइन सिटी कंपनी की संपत्ति को ईडी ने कुर्क कर दिया है। ईडी ने रविवार को कार्रवाई करते हुए बताया कि यह संपत्तियां साइंन सिटी के सहयोगी कंपनियों के द्वारा शाइन सिटी इंफ्रा प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, शाइन सिटी प्रोक्सिमा डेवेलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, शाइन सिटी शेपर्स प्राइवेट लिमिटेड, शाइन सिटी कंस्ट्रक्शंस प्राइवेट लिमिटेड की हैं।

ईडी ने यह कार्यवाही यूपी के सुल्तानपुर, झांसी, प्रतापगढ़, वाराणसी के पिंडरा, प्रयागराज के बारा और लखनऊ के बख्शी का तालाब इलाके की कुल 41.62 हेक्टेयर जमीन कुर्क की गयी है।

निवेशकों से ठगी कर बनाई थी संपत्ति-

इन संपत्तियों की आनुमानित कीमत 7.03 करोड़ रूपये आंकी गई थी। ईडी के मुताबिक शाइन सिटी ने ये संपत्तियां निवेशकों की रकम को ठगने के लिए अति लुभावनी योजनाओं का लालच देकर अर्जित की थी। कंपनी द्वारा निवेशकों को प्रोजेक्ट इंवेस्टमेंट प्लान, बायबैक स्कीम, बिड एंड हॉट डील, शाइन वी. क्वाइन और मल्टीलेवल माकेर्टिंग का झांसा दिया गया था।

अब तक ईडी शाइन सिटी की 49.11 करोड़ की संपत्तियों को कुर्क कर चुकी है। कंपनी ने यूपी के अलावा बिहार और पश्चिम बंगाल में भी बड़े पैमाने पर किसानों से अनुबंध  करके खरीदी थी। हालांकि वह निवेशकों को भूखंड देने में नाकाम साबित हुई। बाद में राशिद नसीद दुबई भाग गया जबकि यूपी पुलिस ने उसके भाई समेत पांच दर्जन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।

ईडी ने 29 अक्टूबर को शाइन सिटी से जुड़ी कंपनियों के नाम जमीन के रूप में दर्ज 10.59 करोड़ रुपये की संपत्तियों को जब्त किया था। यह जमीनें फतेहपुर, रायबरेली, कानपुर, जालौन, गारेखपुर, मांडा (प्रयागराज) में हैं, जिनका कुल रकबा 31.88 हेक्टेयर है। ईडी शाइन सिटी के फरार एमडी राशिद नसीम, उसके भाई आसिफ नसीम, निदेशक अमिताभ श्रीवास्तव व उनकी पत्नी मीरा श्रीवास्तव के नाम दर्ज लखनऊ एवं  वाराणसी की नौ रिहायशी संपत्तियों को भी कुर्क कर चुकी है। इन रिहायशी संपत्तियों की अनुमानित कीमत 7.03 करोड़ रुपये है।

कई फर्मों पर खरीदी थी जमीन-

शाइन सिटी इंफ्रा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड के संचालकों ने लखनऊ, वाराणसी, कानपुर, प्रयागराज, फतेहपुर, रायबरेली और जालौन समेत कई जिलों में अलग-अलग फर्मों पर जमीनें खरीदी थी।

जब्त की गई जमीनों में 10.59 करोड़ की लगभग 71 हेक्टेयर से अधिक भूमि कृषि योग्य है। यह समस्त भूमि शाइन सिटी की अलग-अलग फर्मों के नाम पर खरीदी गई थी।ईडी ने शाइन सिटी के प्रबंध निदेशक राशिद नसीम, उसके भाई आसिफ नसीम, शाइन सिटी इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड के अमिताभ कुमार श्रीवास्तव और मीरा श्रीवास्तव के नाम पर लखनऊ वाराणसी में खरीदे गए फ्लैट समेत नौ रिहायशी संपत्ति भी जब्त की है। इनकी आनुमानित कीमत लगभग 7 करोड़ से अधिक है।

80 हजार करोड़ रु से अधिक की धोखाधड़ी के मिले सबूत-

इडी की जांच में अब तक 80.78 करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी के सबूत मिले हैं। जांच एजेंसी ने अलग-अलग मुकदमों की जाँच- पड़ताल की है, जिसमें राशिद और उनके सम्बंधियो ने उत्तर प्रदेश के अलावा बिहार, पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों में भी अधिक संख्या में जमीनें खरीदी थी। इनमें किसानों से खरीद कर निवेशकों को  प्लाटिंग करने के लिए अनेक लुभावनी योजनाओं का झांसा दिया गया था।

शाइन सिटी का मुख्य प्रबंध निदेशक[ सीऍमडी] तीन साल से चल रहा फरार-

गृह विभाग ने 14 अक्टूबर को शाइन सिटी इंफ्रा कंपनी के मुख्य प्रबंध निदेशक(सीऍमडी) राशिद नसीम पर 5 लाख रुपए का इनाम घोषित कर रखा है। कंपनी का सीऍमडी राशिद नसीम पिछले तीन साल से फरार है। उसके बारे में बताया जाता है कि वह दुबई में हीरा और होटल जैसे व्यवसायों से जुड़ा हुआ है। कंपनी का सीऍमडी राशिद नसीम का भाई व  प्रयागराज [ करौली] निवासी एमडी- आसिफ नसीम जेल  में बंद है। वहीं, वाराणसी में शाइन सिटी का मुख्य कर्ता-धर्ता अमिताभ श्रीवास्तव था। अमिताभ और उसकी पत्नी मीरा श्रीवास्तव भी जेल में बंद है।

दुबई से चला रहा ठगी व धोखाधडी का धंधा,इडी ने भी दर्ज की ऍफ़आईआर-

राशिद नसीम ने शाइन सिटी नाम से रियल एस्टेट कंपनी खोल रखी  थी। उसने आम लोगों से करीब 60 हजार करोड़ रुपए धोखाधडी करके ठगे। राशिद और उसके भाई आसिफ नसीम के खिलाफ यूपी के अलावा दिल्ली, बिहार, पश्चिम बंगाल, गुवाहाटी में भी अनेको केस दर्ज हैं। सिर्फ लखनऊ के गोमतीनगर थाने में ही 238 मुकदमा दर्ज हैं। प्रवर्तन निदेशालय[ इडी ] ने भी दोनों भाइयों समेत कंपनी के 6 अफसरों के खिलाफ मनी लांड्रिंग का मुकदमा दर्ज किया है।

प्रयागराज से शुरू किया था कारोबार-

राशिद नसीम मूल रूप से प्रयागराज[ करेली] के जीटीबी नगर का रहने वाला है। करीब 20 साल पहले वह मल्टीलेवल मार्केटिंग कंपनी स्पीक एशिया का मामूली एजेंट हुआ करता था। वहां से उसने ठगी सीखी थी। इसके बाद उसने लखनऊ के डालीबाग में ग्रैंड न्यू अपार्टमेंट में एक ऑफिस खोला था।

एक इंच भी जमीन नहीं थी, मगर खेतों में लगाई अपनी होर्डिंग-

जनवरी, 2013 में उसने शाइन सिटी इंफ्रा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड के नाम से रियल एस्टेट कंपनी शुरू की जिसका ऑफिस गोमतीनगर के आर स्क्वायर मॉल में बनाया था। राशिद के पास एक इंच भी जमीन नहीं थी। मगर, उसने लखनऊ के आसपास अपने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट के प्रचार के लिए खेतों में होर्डिंग भी लगाई।

किसानों को एक होर्डिंग लगाने के एवज में हर महीने लगभग 20 से 25 हजार रुपए किराया दिया करता था। उन जमीनों को उसने अपनी साइट बताकर लोगों को दिखा कर ठगी की थी।