विदेशी तोते ने ‘मम्मी पापा’ कहकर अपने वास्तविक मालिक को पहचाना, पुलिस वाले भी रह गए दंग

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लखनऊ 21 दिसम्बर 2022: आगरा में शनिवार को पुलिस के समक्ष एक रोचक प्रकरण सामने आया। दो पक्षों द्वारा एक विदेशी तोते को अपना-अपना बताया जा रहा था। मालिकाना हक का झगडा इतना अधिक उग्र हो गया कि पुलिस स्टेशन  चला गया। पुलिस भी वास्तविक मालिक को पहचानने में परेशान हो गयी थी कि वास्तव में यह विदेशी तोता किसका है? क्योंकि दोनों ही पक्ष विदेशी तोते पर अपना- अपना अधिकार जता रहे थे। तब विदेशी तोते ने स्वयं ही अपना मसला हल कर दिया ।विशेष बात यह रही कि पिंजरे से बाहर आते ही तोते ने अपनी बोली में मम्मी-पापा  कहते हुए अपने वास्तविक मालिक के पास चला गया। तोते की इस समझदारी को देखकर पुलिस वाले भी आश्चर्यचकित हो गए।

वास्तव में यह रोचक प्रकरण आगरा के कमला नगर थाना क्षेत्र के निवासी दो उच्च स्तरीय पक्षों का है। कमल नगर के निवासी एक परिवार को विदेशी तोता पालना पसंद था। उसने निकट ही रहने वाले अपने परिचित के दूसरे पक्ष को 3 वर्ष पूर्व कम रुपयों में एक विदेशी तोता बेचा था परन्तु पहले पक्ष को किसी ने जानकारी दी कि विदेशी तोते की कीमत हजारों रूपये है। वह उसे तोते की काफी कीमत दिला देगा। बस इसी लालच में पहला पक्ष तोता वापस लेने हेतु दूसरे पक्ष के घर चला गया। वहां पर दूसरे पक्ष ने तोता वापस करने  से इनकार कर दिया और मामला शनिवार को थाने चला गया।

फिर तोते ने पहचाना अपना वास्तविक मालिक

पुलिस के समक्ष भी प्रश्न था कि वास्तव में तोता किस पक्ष को सौपा जाए। तब थाना कमला नगर के प्रभारी विपिन गौतम ने कहा कि, अधिकारियों के निर्देश पर उन्होंने तोते को पिंजरे से निकालकर उसी से वास्तविक मालिक को पहचानने को कहा। थाना प्रभारी ने पिंजरे में बंद तोते को बाहर निकाल कर एक टेबल पर रखा, दोनों पक्ष भी निकट ही उपस्थित थे। तोता ने स्वयं अपनी भाषा में मम्मी पापा कहता हुआ उस पक्ष के पास चला गया जो उस तोते को  विगत 3 वर्ष से पाले हुवे था। इस प्रकार स्वयं तोते ने अपने मालिक  की पहचान की। अब यह सूचना शहर में कौतूहल का विषय बन गयी।

लालच वश थाने गया था पहला पक्ष

थाना प्रभारी कमला नगर विपिन गौतम ने जब पहले पक्ष से यह पूछा कि वह 3 वर्ष पश्चात तोते पर अपना अधिकार क्यों जता रहे है। तो उस व्यक्ति ने कहा कि एक परिचित ने उसे बताया था कि विदेशी तोतों का मूल्य 60 हजार रुपए से भी अधिक है। परन्तु उस समय उस ने तो तोते को बहुत कम कीमत में बेच दिया था। पैसों  की लालसा उसके दिल में आयी तो तोते को वापस पाने हेतु उस पर अपना अधिकार जताने लगा और प्रकरण थाने चला गया।