लखनऊ 26 नवम्बर 2022: उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा को अत्याधुनिक व रोजगारपरक बनाने के लिए उसका विस्तार किया जाएगा। इसके लिए सरकार उच्च शिक्षा नियमावली लाएगी। इनमें निजी निवेशकों को लुभाने के लिए अनेक सहूलियतें दी जाएंगी। जिससे पिछड़े व असेवित इलाकों के साथ ही हर जिले में उच्च शिक्षण संस्थान खोले जायेंगे और विधार्थियों को रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
उच्च शिक्षा विभाग इसके लिए एक कॉन्क्लेव के सम्मेलन की तैयारी कर रहा है। शुक्रवार को इस संबंध में अनेक विश्वविधालय के कुलपतियों व विशेषज्ञों के साथ शासन स्तर पर वार्ता की गयी। अधिकारियों के अनुसार पहले औधोगिक नियमावली में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में निवेशकों को लुभाने की सुविधा होती थी लेकिन अब इसे अलग से बनाया जा रहा है। सरकार का उद्देश्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था दस खरब डॉलर करने की है। ऐसे में युवाओं को विशेष उच्च शिक्षा देने के लिए निजी क्षेत्र को सहयोग देने की योजना है।
कॉन्क्लेव में प्रदेश ही नहीं बल्कि समस्त देशों के निवेशकों को बुलाया जाएगा। सरकार इसमें निवेशकों से युवकों के कौशल विकास व उच्च शिक्षा देने के साथ ही उनको रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की योजना बताएगी। वहीं निवेशकों से यह जानेगी कि उनको सरकार से क्या उम्मीदें हैं। पीपीपी मॉडल पर शिक्षण संस्था खोलने के सम्बन्ध में भी वार्ता होगी।
विदेशी विश्वविधालयों बुलाएँगे
प्रदेश में विदेशी विश्वविधालयों को भी विस्तार के लिए बुलाया जाएगा प्रयास होगा कि बाहर के विश्वविधालय व उच्च शिक्षण संस्थान यहां के विवि व संस्थान से शैक्षिक सहयोग के लिये आपस में जुड़ें। इसके लिए एमओयू से लेकर सभी विषयों पर वार्ता होगी। छात्रों को शिक्षा के लिए एक-दूसरे के यहां भेजने के साथ ही विभिन्न कलाओं में निपुण करने की कोशिश होगी।
वर्तमान में 7300 निजी उच्च शिक्षण संस्थान
वर्तमान में प्रदेश में करीब 7900 उच्च शिक्षण संस्थान हैं। इनमें से 7300 निजी संस्थान हैं। इसी तरह कुल 50 विश्वविधालयों में से 30 निजी विवि हैं।अधिकतर निजी संस्थाएं नोएडा व निकट के इलाकों में है।
माध्यमिक व बेसिक शिक्षा को भी जोड़ेंगे
यदि कोई निवेशक प्रारम्भिक से लेकर उच्च शिक्षा तक के सम्बन्ध में संस्थान खोलना चाहता है तो उसे इसके लिए सहूलियतें उपलब्ध करायी जाएंगी। तकनीकी शिक्षा को भी इसमें सम्मिलित किया जाएगा। उच्च शिक्षा नीति में युवकों को औधोगिक जरूरतों के अनुसार निपुण करने पर बल दिया जाएगा। जिससे प्रशिक्षित युवकों को आसानी से रोजगार मिल सके। एवं वे अपना उद्योग भी खोल सकें। इसके लिए विषय विशेष का प्रशिक्षण देने वाली संस्थाओं को संस्थान खोलने के लिए अवसर दिए जाएंगे।