लखनऊ 19 दिसम्बर 2022: सस्ती दवाओं की कालाबाजारी रोक पाने में असमर्थ केजीएमयू के अधिकारीयों ने अनुचित आदेश दिया है। अधिकारीयों ने कहा कि,ओपीडी पर्चे की छायाप्रति लाओ तभी सस्ती दवाएं दी जाएँगी। अधिकारीयों के अनुचित आदेश का हर्जाना बेचारे मरीजों को झेलना पड़ रहा है।
केजीएमयू की ओपीडी में प्रतिदिन 5 से 6 हजार मरीज आ रहे हैं। इन मरीजों को सस्ते मूल्य पर दवा उपलब्ध कराने हेतु हॉस्पिटल रिवाल्विंगग फंड (एचआरएफ) के स्टोर खोले गए हैं। एचआरएफ के 14 स्टोर में मरीजों को 30 से 70% कम दाम पर दवाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं ।
नया नियम बना मरीजों के गले की हड्डी
कर्मचारियों ने मरीजों हेतु उपलब्ध दवाओं की कालाबाजारी शुरू की। एसटीएफ ने आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की कारस्तानियों को उजागर किया। कालाबाजारी के आरोप में लगभग 10 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया। दवाओं की कालाबाजारी रोक पाने में असमर्थ अफसरों ने नए नियम शुरु किये है। जो मरीजों के गले की हड्डी बन गये हैं।
छायाप्रति हेतु परेशान हो रहे मरीज
नए नियम के अनुसार, ओपीडी में मरीज डॉक्टर की सलाह लेंगे। फिर जिस ओपीडी पर्चे पर डॉक्टर दवा लिखेंगे उसकी छायाप्रति मरीज को करानी होगी। यह छायाप्रति एचआरएफ के स्टोर में जमा होगी। उसके पश्चात ही मरीज को दवा उपलब्ध करायी जा सकेगी। अब मरीज पर्चे की छाया प्रति कराने हेतु आधा से एक किलोमीटर तक की दुरी तय कर रहे हैं।
लारी में सबसे अधिक मरीज परेशान
मरीज सस्ती दवा के सम्बन्ध में परेशान हो रहे हैं। छाया प्रति कराने हेतु मरीजों को शाहमीना शाह बाबा की मजार तक जाना होता है । काफी तादात में मरीजों को मेडिकल स्टोर के एजेंट घेर रहे हैं। बहलाकर मेडिकल स्टोर से दवा खरीदवा रहे हैं।