लखनऊ में आज सुहागिनों का सबसे बड़ा पर्व करवा चौथ व्रत मनाया जा रहा है। इस बार आठ सालों के बाद विशेष संयोग बन रहा है। रोहिणी नक्षत्र और मंगल योग एक साथ आ रहा है। साथ ही रविवार का दिन काफी शुभ संयोग माना जा रहा है।
किस दिन मनाया जाता है करवा चौथ:
कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को हर साल करवा चौथ का पर्व मनाया जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु, वैवाहिक जीवन और सुख-समृद्धि के लिए निर्जल करवा चौथ व्रत रखती हैं। व्रती महिलाएं रात को चांद दर्शन और पूजा के बाद व्रत तोड़ती हैं। मान्यता है कि चंद्र दर्शन और चांद को अर्घ्य देने से पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
करवा चौथ का इतिहास:
इस विशेष त्योहार को मनाने के पीछे कई कहानियां हैं प्रचलित हैं ऐसी मान्यता है कि ये परंपरा देवताओं के समय से चली आ रही है। कहा जाता है कि देवताओं और दानवों के युद्ध के दौरान देवों को विजयी बनाने के लिए ब्रह्मा जी ने देवों की पत्नियों को व्रत रखने का सुझाव दिया था। जिसे स्वीकार करते हुए इंद्राणी ने इंद्र के लिए और अन्य देवताओं की पत्नियों ने अपने पतियों के लिए निराहार, निर्जल व्रत किया। नतीजा ये रहा कि युद्ध में सभी देव विजयी हुए और इसके बाद ही सभी देव पत्नियों ने अपना व्रत खोला।
कैसे करें करवा चौथ व्रत:
करवा चौथ को सूर्योदय के पूर्व ही सास-ससुर द्वारा दिया अल्पाहार करने के उपरांत अपराह्न तक निर्जल व्रत रहने का नियम है। अपराह्न 4 बजे से 5 बजे के मध्य अपनी सास-जेठानी अथवा किसी अन्य पूज्य महिला से कहानी सुनें।
कथा सुनते समय एक पटरे या चौकी पर जल से भरा लोटा और थाली में रोली, गेहूं, चावल से भरा हुआ मिट्टी का करवा ढक्कन सहित रख लें। साथ ही बायने के लिए तेरह करवे रोली से सतीया लगाकर भी रख लें। कहानी सुनने के पश्चात सबसे पहले एक करवे पर हाथ फेर के वह करवा अपनी सास के पैरों में पड़कर सास को दे दें।
इसके बाद रोली सतीया लगे हुए खांड के तेरह करवे सुहागिन महिलाओं को बायने में देने चाहिए और सुहागिनों से ही लेने चाहिए। इसके बाद लोटे का जल और तेरह दाने गेहूं के चंद्रमा को अर्घ्य देने के लिए अलग रख लें। रात्रि को जब चंद्रमा निकल आए, तब चंद्रमा को अर्घ्य देकर भोजन करें।
कब निकलेगा चाँद:
शास्त्रों के अनुसार करवा चौथ का व्रत सुहागिनों के लिए सबसे महत्वपूर्ण व्रत माना गया है। महिलाएं पूरे दिन व्रत रखकर रात में चलनी से चांद को देखती हैं और अर्घ्य देकर अपना व्रत खोलती हैं। परंपरा है कि इस मौके पर सुहागन पति के हाथ से ही पानी ग्रहण करती हैं।
लखनऊ में चाँद निकलने का समय शाम को 7:56 PM का है।
अन्य जगह इस प्रकार से चाँद निकलेगा
- दिल्ली – 8:00 PM
- मुंबई – 8:47 PM
- वाराणसी – 07:51 PM
- कानपुर – 08:00 PM
- इलाहाबाद – 07:56 PM
- आगरा – 8:07 PM
- नोएडा – 8:07 PM
- मेरठ – 8:05 PM
- पटना – 07:42 PM
- भागलपुर( बिहार) – 07:35 PM