Lucknow Samachar 10 मार्च 2023: यूपी में कोविड वायरस के संक्रमण को अवश्य ही नियंत्रित कर लिया गया है परन्तु वायरल बुखार के मामलों में निरंतर वृद्धि हो रही है। होली से 15 दिन पूर्व संक्रमण में हुई वृद्धि निरंतर बढती ही जा रही है।
हास्पिटलों में वायरस के लक्षणों वाले मरीजों की भीड़ लगी है। इस वायरस को चिकित्सक इन्फ्लूएंजा-A का सब टाइप H3N2 वायरस बता रहे हैं।
हास्पिटल में बुखार के मरीजों का ताँता
KGMU में चेस्ट एवं रेस्पिरेटरी विशेषज्ञ डॉ. संतोष कुमार के अनुसार, बुखार के मरीजों का इस समय ताँता लगा हुआ है। परीक्षण के पश्चात ही स्पष्ट रूप से कुछ बताया जा सकता है। वैसे अधिकतर मरीज H3N2 के हैं।
इसी वायरस के लक्षण सभी में प्रतीत हो रहे हैं। प्रत्येक दूसरा व्यक्ति वायरल के पश्चात काफी वक़्त तक खांसी, सांस फूलने एवं छींकने से पीड़ित हो रहा है। उत्तर भारत में फ्लू के ज्यादा केस जनवरी, फरवरी एवं मार्च के महीनों में प्रकाश में आये हैं।
H3N2 वायरस एक तरह का इन्फ्लूएंजा वायरस हैं। जिसे इन्फ्लूएंजा A वायरस कहा जाता है। यह एक सांस में वायरल संक्रमण है, जो प्रत्येक वर्ष बीमारियों की वजह बनता है। मरीज सांस की परेशानी एवं खांसी की तकलीफ बढ़ने के कारण हास्पिटल आने लगे हैं।
अभी सिर्फ दवा देकर ही भेजे जा रहे है मरीज
होली के पहले लखनऊ के सरकारी अस्पतालों की OPD में H3N2 वायरस के हमले के संबंध में 20% से 30% की वृद्धि थी। इसमें होली के पश्चात और अधिक वृद्धि होने की संभावना हैं।
हास्पिटलों में अभी सिर्फ दवा देकर ही मरीज भेजे जा रहे हैं। इमरजेंसी में अनेक मरीजों को भर्ती किया गया है। अधिकतर में सिम्पटम इन्फ्लूएंजा के ही लक्षण पाए गए हैं।
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