लखनऊ 14 जनवरी 2023: लखनऊ जिला पंचायत का बिल्डिंग बाइलॉज 36 वर्ष पश्चात परिवर्तित हो गया है। इसमें बिना नक्शा पास कराए हुए अवैध निर्माण को ध्वस्त करने का अधिकार जिला पंचायत को प्राप्त हो गया हैं। एवं, आम जनता को अपने घर, दुकान हेतु नक्शा पास कराने के लिए अब 20 गुना ज्यादा शुल्क देना पड़ेगा। नया आदेश तत्काल प्रभावी हो गया है। इसका प्रभाव 534 गांवों की भूमि पर पड़ेगा।
7 जनवरी को प्रकाशित गजट के अनुसार, उत्तर प्रदेश क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत अधिनियम,1961 में यथासंशोधित1994 में बने बिल्डिंग बाइलॉज के नियमों में परिवर्तन किया गया है। इसमें आवासीय प्रयोजन के लिए प्लॉटिंग के शुल्क में भी वृद्धि की गयी है। प्राइवेट कॉलोनियों के ले-आउट पास कराने हेतु बिल्डर को 4 गुना फीस देनी पड़ेगी। इसमें प्लाट लेने वाले को अलग से निर्माण हेतु नक्शा पास कराना पड़ेगा।
प्लॉटिंग में मार्गों की कम से कम चौड़ाई 9 मीटर निर्धारित कर दी गई है। रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम 300 वर्गमीटर से बड़ी एवं 15 मीटर से उचीं इमारतों हेतु निर्धारित रहेगा। फायर विभाग के सुरक्षा नियमों में 400 वर्गमीटर से बड़ी एवं 15 मीटर से उचीं इमारतों को सम्मिलित कर एनओसी आवश्यक कर दी गई है। नक्शा पास कराते वक़्त निर्माण करवाने वाले को पार्किंग की भी उचित व्यवस्था करनी पड़ेगी।
इस प्रकार से परिवर्तित किये गये नक्शे के शुल्क
भू-उपयोग पुराने शुल्क नये शुल्क
- रिहायशी 05 100
- कामर्शियल 10 200
- शैक्षिक संस्थान 05 100
- रिहायशी कॉलोनियां 10 40
( शुल्क रुपये प्रति वर्ग मीटर कारपेट एरिया पर जारी होंगे। इसके अतिरिक्त बाउंड्रीवाल हेतु अलग से 20 रुपये प्रति वर्गमीटर की दर से शुल्क का भुगतान करना पड़ेगा। जिला पंचायत ने बाउंड्रीवाल को पहली बार निर्माण में सम्मिलित किया है। प्लॉटिंग का शुल्क समस्त ले-आउट पर निर्धारित होगा। पुरानी इमारत ध्वस्त कर निर्माण करने पर नया नक्शा प्रस्तावित शुल्कों पर ही पास कराना पड़ेगा।)
समय विस्तार नहीं लिया तो 50 % हर्जाना
जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी प्रणव पांडेय ने कहा कि, बिल्डिंग बाइलॉज में व्यवस्था की गई है कि अगर नक्शा पास होने के 2 वर्ष में निर्माण नहीं करा पाते हैं तो नये शुल्कों पर 20% शुल्क जमा कर 2 साल का समय विस्तार प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए आवेदन 2 वर्ष का वक़्त पूर्ण होने से पूर्व कराना पड़ेगा। ऐसा न करने पर जिला पंचायत शुल्क का 50 % हर्जाना लगा सकती है। इसे जमा करने के पश्चात ही अगले 2 वर्ष की स्वीकृति दी जाएगी। निर्माण पूर्ण कराने के पश्चात पूर्णता प्रमाण पत्र भी 40 रुपये प्रति वर्गमीटर की दर से शुल्क जमा करना पड़ेगा। नक्शे से भिन्न निर्माण होने पर शमन भी समझौता शुल्क जमा कर कराया जा सकता है। पांडेय ने कहा कि, बिल्डिंग बाइलॉज में अब अवैध निर्माण तोड़ने के अधिकार मिल गये हैं। अभी तक मात्र 1000 रुपये का चालान करने का नियम था। इसके पश्चात 50 रुपये हर रोज की दर से इस हर्जाने में वृद्धि होती थी। नए नियम में पुलिस की सहायता लेकर सीआरपीसी की धारा 133 में अवैध निर्माण ध्वस्त करने की कार्यवाही की जा सकती है ।
जिला पंचायत की आमदनी में होगी वृद्धि
वित्तीय वर्ष 2021-22 में जिला पंचायत को नक्शा पास करने से मात्र 14 लाख रुपये की आमदनी हुई। अफसरों के अनुसार,वर्तमान वित्तीय वर्ष में नये शुल्कों के निर्धारित होने से आमदनी में वृद्धि होगी। अगले वित्तीय वर्ष भी आमदनी में वृद्धि होकर 20 गुना यानी लगभग 2.50 करोड़ रुपये तक होने की संभावना है। भविष्य में औधोगिक इकाइयों के अतिरिक्त प्राइवेट औधोगिक पार्कों को भी जिला पंचायत क्षेत्र में आना प्रस्तावित हैं। इससे भी जिला पंचायत की आमदनी में वृद्धि होगी। इस बजट का प्रयोग जिला पंचायत क्षेत्र में विकास कार्य कराने में किया जायेगा।