लखनऊ 12 दिसम्बर 2022: गौतमपल्ली क्षेत्र में एक छोटी सी गलती ने हंसते-खेलते परिवार की खुशियों को दुखों में बदल दिया। एमबीए की छात्रा श्रेया यादव (24) ने सोने से पूर्व अंगीठी जलाई थी। शनिवार रात में जब उसके माता-पिता रायबरेली से पढ़ाकर लौटे तो दमघोंटू धुएं में उसकी सांसें रुक चुकी थीं। पिता ने जानकारी दी कि श्रेया उनकी इकलौती संतान थी और डिप्रेशन में रहने के कारण चुपचाप रहती थी।
दंपती बताते हैं कि शनिवाररात्रि लगभग साढ़े आठ बजे जब घर वापस आये तो दरवाजा अंदर से बंद था। कई बार आवाज देने के बाद भी दरवाजा नहीं खुला। इस पर पुत्री को फोन किया, परन्तु कोई उत्तर नहीं मिला। अनहोनी की आशंका से परेशान दंपती ने पुलिस को जानकारी दी।
प्रभारी निरीक्षक गौतमपल्ली सुधीर अवस्थी के अनुसार, जियामऊ के रहने वाले रामरस यादव व उनकी पत्नी शिक्षक हैं और रायबरेली के बछरावां में पढ़ाते हैं। शनिवार प्रातः दंपती बछरावां पढ़ाने चले गए थे। उनकी पुत्री श्रेया घर में अकेली थी। इस दौरान किसी वक़्त उसने अंगीठी में कोयला डालकर आग जलाई और सोने चली गई।
प्रभारी निरीक्षक के अनुसार, दरवाजा तोड़कर अंदर पहुचे तो कमरे में दमघोंटू धुआं भरा हुआ था और छात्रा बेहोश पड़ी थी। जैसे तैसे उसे हॉस्पिटल पहुंचाया गया, लेकिन तब तक उसकी सांसे थम चुकी थी।