Lucknow Samachar 30 अप्रैल 2023: पहली कक्षा में प्रवेश के लिए NEP यानी नई शिक्षा नीति 2020 के लागू होने के साथ ही अब न्यूनतम आयु सीमा 6 वर्ष तय कर दी गई है। इस संबंध में केन्द्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देश के आधार पर शुक्रवार को अब राज्य सरकार ने न्यूनतम आयु सीमा संबंधी शासनादेश जारी कर दिया है। विशेष बात यह हैं कि, इसे सत्र 2024-25 से लागू किया जाएगा।
इसके अंतर्गत अब प्रदेश के किसी भी स्कूल के पहली कक्षा में 6 साल या उससे ज्यादा उम्र के बच्चों को ही प्रवेश दिया जा सकेगा। वैसे आयु के पुनर्निधारण के कारण ‘इस सत्र में 6 वर्ष की तय आयु सीमा में 3-4 माह का ही अन्तर रह जाता है।
यानि कोई बच्चा 1 अप्रैल से 31 जुलाई के मध्य 6 वर्ष की आयु पूर्ण करने की दशा में प्रवेश से वंचित हो रहा है, तो उन्हें शैक्षिक सत्र के प्रारम्भ में ही निर्धारित आयु में शिथिलता प्रदान करते हुए प्रवेश की सुविधा अनुमन्य किए जाने की स्वीकृति सरकार ने प्रदान कर दी है।
शासनादेश जारी
शासनादेश में भी इसका उल्लेख करते हुए अंकित किया गया है कि, जिन बच्चों का वर्तमान में कक्षा 1 में प्रवेश हुआ है, एवं जिनकी उम्र 5 से 6 साल के बीच है, उन्हें पूर्व के सालों की तरह कक्षा 1 में अध्ययन की स्वीकृति
प्रदान की जाएगी। आदेश जारी होने के पश्चात यह सुनिश्चित कराया जाएगा कि, उन्हीं बच्चों का नामांकन कक्षा 1 में हो जो उस शिक्षा सत्र के 31 जुलाई तक 6 वर्ष की आयु पूर्ण कर रहे हैं।
प्री-स्कूल कक्षाएं संचालित करने वाले स्कूलों के लिए बाध्यकारी
आदेश में यह भी बताया गया है कि, ऐसे बच्चे जो वर्तमान में प्री-स्कूल (नर्सरी,LKG, UKG) में शिक्षारत कक्षा 1 में प्रवेश के समय 6 से कम आयु के होंगे, उन्हें कक्षा 1 में प्रवेश दिया जाएगा, एवं उनके आगे की पढ़ाई की निरंतरता में कोई भी व्यवधान नहीं होगा।
आगामी वर्षों में प्री-स्कूल कक्षाएं संचालित करने वाले स्कूलों के लिए यह बाध्यकारी होगा कि, वे प्री स्कूल कक्षाओं में प्रवेश के लिए न्यूनतम आयु का निर्धारण इस प्रकार करें कि, कक्षा-1 में प्रवेश के लिए कोई भी बच्चा 6 वर्ष से कम की उम्र में एलिजिबल हो।