लखनऊ 6 जनवरी 2023: अवैध निर्माणों का काम समाप्त करने को प्रवर्तन की नई गाईडलाइन बनायी जाएगी। जिसके अंतर्गत प्रवर्तन कार्य देखने वाले सहायक या अवर अभियंताओं की जिम्मेदारी निर्धारित होगी। नई गाईडलाइन के अनुसार अवैध निर्माण पर अंकुश की जिम्मेदारी देखने वाले अभियंताओं के स्थानांतरण होने पर अपने कार्यकाल में हुए निर्माणों का विवरण उपलब्ध करना पड़ेगा। इसके लिए एक प्रारूप भी तैयार कर दिया गया है। इस व्यवस्था के शुरु होने से अब कोई भी अभियंता अपने कार्यकाल में कराए गए अवैध निर्माण के सम्बन्ध में किसी दूसरे को जिम्मेदार नहीं कह सकता।
वास्तव में सरकार द्वारा अनेकों नियम व प्रावधान तैयार करने के पश्चात भी विकास प्राधिकरणों में अवैध निर्माणों के तादात में निरंतर वृद्धि होती जा रही है। इसलिए आवास विभाग ने अवैध निर्माणों पर प्रभावी अंकुश लगाने हेतु प्रवर्तन की एक नई गाईडलाइन बनवा रहा है। नई गाईडलाइन में जोनल स्तर पर नियुक्त सुपरवाइजर, अवर और सहायक अभियंताओं के साथ ही जोनल अफसरों के संबंध में विशेष तरीके से प्रावधान किया जा रहा है। यह भी प्राविधान किया जा रहा है कि ट्रान्सफर होने वाले अधिकारी को इस बात का भी प्रमाणपत्र उपलब्ध कराना पड़ेगा कि उनके कार्यमुक्त होने के दिन तक उनके कार्यक्षेत्र में कितनी अवैध कालोनी है। इससे मालूम हो जाएगा कि किस अधिकारी के कार्यकाल में अवैध निर्माणों की तादात में कितनी वृद्धि हुई है। अफसरों द्वारा दिए गए प्रमाण पत्र के अतिरिक्त संबंधित अफसरों के कार्य क्षेत्र की गूगल मैपिंग भी कराई जाए। इसके अनुसार दोषी अफसरों की पहचान की जाए।
जानकारी के अनुसार शीघ्र ही नई व्यवस्था को शुरु किया जाएगा। इस संबंध में समस्त विकास प्राधिकरणों से अवैध निर्माणों की ताजा स्थिति के बारे में सूचना मांगी गई है। एवं अवैध कालोनियों पर भी अंकुश लगाने की योजना है। इसके लिए नई गाईडलाइ बनायी जा रही है। प्रस्तावित गाईडलाइन में जहां अवैध कालोनियों की तादात में हो रही वृद्धि पर अंकुश लगाने का प्रावधान किया जाएगा, वहीं अब तक बन बस चुकी कॉलोनियों में निवास करने वाले लोगों की व्यवहारिक परेशानियों को समाप्त करने की भी व्यवस्था की जाएगी। साथ ही नई अवैध कालोनियां न बने, इसके लिए कट-ऑफ-डेट तय किया जाएगा। कट-ऑफ-डेट के पश्चात यदि नई अवैध कालोनी विकसित की जाएगी तो संबंधित अधिकारी के विरुद्ध सख्त व दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी।
आवास विभाग द्वारा अवैध कालोनियों को वैध करने के लिए शीघ्र ही दिल्ली, महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब व कर्नाटक की नीति की जानकारी कर बनाई गई रिपोर्ट को देखने के पश्चात यह फैसला किया गया है ।वास्तव में विगत दिनों उच्च स्तर पर हुई समीक्षा में अफसरों ने सलाह दी थी कि प्रदेश में अवैध कालोनियों की बहुत तादात है, इस वजह से उसे गिराना उचित नहीं हैं। इसके लिए एक प्रभावी गाईडलाइन बनाने की आवश्यकता है।
जेसीपी पीयूष मोर्डिया नेडीसीपी ट्रैफिक रईश अख्तर और एसीपी चौक आईपी सिंह को वहां बुला लिया। अपनी मौजूदगी मेंही पांचों होमगार्ड को चौक कोतवाली भिजवा कर मेडिकल करानेको कहा। जेसीपी नेबताया कि इन होमगार्ड मेंअभिषेक त्रिपाठी, अनूप, सर्वेश, कोमल कुमार और राम निवास के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति होमगार्ड कमांडेंट सेकी जा रही है। उन्होंनेकहा कि इन पांचों को अब अभी ट्रैफिक पुलिस मेंतैनाती न दी जाये।