लखनऊ 28 दिसम्बर 2022: लखनऊ मेट्रो और नगर निगम के मध्य हाउस टैक्स के संबंध में झगड़ा चल रहा है। नगर आयुक्त के अनुसार, अगर मेट्रो कर का भुगतान कर दे तो शहर की 30% क्षतिग्रस्त रोड़ों की मरम्मत हो जायेगी। नगर आयुक्त ने इसके संबंध में मेट्रो रेल कार्पोरेशन के एमडी को पत्र भेजकर कर का भुगतान करने को कहा है। वहीं, मेट्रो के अनुसार, मेट्रो रेलवे के समान एक संस्था है। जिस पर कर नहीं दिया जाता है। मेट्रो रेल कार्पोरेशन ने अभी तक लखनऊ नगर निगम को किसी प्रकार के कर का भुगतान नहीं किया है। न ही मेट्रो हाउस कर का भुगतान कर रहा है और न ही विज्ञापन टैक्स, जबकि मेट्रो के पिलर पर बड़े-बड़े विज्ञापनों के बोर्ड लगे हैं। लखनऊ नगर निगम ने विगत वर्ष सर्वे कराकर मेट्रो को नोटिस दिया था परन्तु मेट्रो ने अभी तक कर का भुगतान नहीं किया।
मेट्रो कार्पोरेशन के अनुसार, वह कर की सीमा से बाहर है। वहीं नगर निगम के अधिकारियों के अनुसार, मेट्रो पर कर की देनदारी होती है। इसी झगड़े की वजह से नगर निगम ने 6 करोड़ 32 लाख रुपये का नोटिस दिया है।
नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने यूपी मेट्रो रेल एमडी को आखिरी चेतावनी नोटिस दिया है। जिसमें बताया गया है कि, कर का भुगतान नहीं किये जाने पर नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा 507 और 5012 में विहित प्रावधानों के अंतर्गत कार्यवाही करेगा। एवं इस संबंध में नगर निगम के मुख्य कर निर्धारण अधिकारी अशोक सिंह ने बताया कि, मेट्रो लिमिटेड कंपनी है। यह रेलवे का उपक्रम नहीं है। मेट्रो कर की सीमा में आता है।
यूपी मेट्रो के कंपनी सेक्रेटरी मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पुष्पा बेलानी ने कहा कि, मेट्रो रेलवे के समान ही संस्था है। रेलवे पर कर नहीं लगता है। इसी कारण से मेट्रो पर भी कर नहीं लगता। अथवा कर लगता है तो राज्य सरकार इसकी धनराशी यूपी मेट्रो को उपलब्ध कराये। तब मेट्रो नगर निगम को कर का भुगतान करेगा। एमओयू पर राज्य सरकार ने दस्तखत किए हैं जिसमें कर के भुगतान करने का कोई प्रावधान नहीं है।