लखनऊ 29 नवम्बर 2022: राजधानी में ठंडक का मौसम आते ही घुमंतू गैंग की सक्रियता बढ़ने की सूचना मिलते ही पुलिस सतर्क हो गई है। अधिकारियों ने समस्त थानेदारों को रात्रि दस बजे से प्रातः पांच बजे तक विशेष निगरानी के निर्देश दिए हैं।
डीसीपी उत्तरी एमएस कासिम आब्दी के अनुसार,ठंडक के मौसम में घुमंतू गैंग सक्रिय हो जाते हैं। इस कारण दिसंबर से फरवरी तक पुलिस की रात्रि गश्त में वृद्धि कर दी जाती है। ग्रामीण इलाकों, रेलवे पटरी किनारे, झोपड़ पट्टी और किराये पर रहने वाले लोगों के सत्यापन की कार्यवाही को तेज कर दिया जाता है। पुलिस कर्मियों को अपने इलाकों में गश्त में वृद्धि करने के निर्देश दिए गए हैं। लोगों को किरायेदार सत्यापन और घरों में सुरक्षा सीसीटीवी कैमरा लगाने की राय दी जा रही है।
शहर में लाखों किराएदार, सत्यापन के नाम पर हीलाहवाली
मकान मालिकों की लापरवाही और सत्यापन में हीलाहवाली का लाभ अपराधी ले रहे हैं। पुलिस किरायेदारों के पुलिस सत्यापन के नाम पर केवल खानापूर्ति कर रही है। ज्यादातर मकान मालिक किराएदार का पुलिस सत्यापन नहीं कराते हैं। जबकि यूपी पुलिस के यूपी कॉप एप को डाउनलोड कर किरायेदार से लेकर नौकर तक के सत्यापन की सुविधा मौजुद है। एप पर सत्यापन का एक प्रोफार्मा है। जिसमें संबंधित का विवरण नोट कराना होता है। इसके पश्चात पुलिस सत्यापन की कार्यवाही प्रारम्भ कर देती है।
घुमंतू गैंग के परिवर्तित रूप ने बढ़ाई पुलिस की मुश्किलें
घुमंतू गैंग ने वक़्त के साथ अपराधिक वारदात का तरीका बदल दिया है। यह गैंग विभिन्न स्थानों पर किराए पर कमरा लेकर निकटवर्ती लोगों से परिचय बनाते हैं और रात्रि में वारदात करते हैं। बावरिया, कच्छा-बनियान जैसे घुमंतू गैंग के अपराध करने का तौर तरीका बहुत खतरनाक है। स्थाई रूप से राजस्थान के भरतपुर इलाके की यह जनजाति वारदात के दौरान हमला करते हैं। यह गैंग हथियारों के स्थान पर लोहे की राड का उपयोग करते है और विरोध पर इसी से हिंसा करते है।
वारदात को पूरा करने के लिए वह स्थानीय लेबल पर पिकअप, टेंपो और ऑटो किराये पर लेकर घुमा करते हैं। जिससे जाँच या पुलिस द्वारा रोके जाने पर ड्राइवर समझा सके। एवं यह गैंग अब जींस और टी शर्ट पहनकर घुमा करते है जिससे इन पर कोई शक न कर सके।