लखनऊ 5 जनवरी 2023: यूपी बोर्ड के हाईस्कूल व इंटरमीडिएट विधालयों को मान्यता अब पूर्व में 3 वर्ष हेतु दी जाएगी। उसके पश्चात मान्यता शर्तों के अनुपालन व विधालय में व्यवस्थाओं के मददेनजर 5 वर्ष हेतु इसका रिवीजन किया जाएगा। ये मानक शासन से स्वीकृत नई मान्यता की शर्तों में उल्लेखित है।
पूर्व में मान्यता हेतु स्थलीय निरीक्षण में व्यवस्था थी कि डीआईओएस भवन के सामने उपस्थित होकर अपना व विधालय का फोटो खिंचवाकर रिपोर्ट के साथ प्रेषित करेंगे। अब जनपदीय समिति समस्त छानबीन करेगी। समिति द्वारा छानबीन के वक़्त विधालय भवन, प्रयोगशाला, खेल के मैदान, बाउंड्रीवाल, पुस्तकालय इत्यादि की वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी की जाएगी। इसे परिषद की वेबसाइट पर पोस्ट किया जाएगा। इसके अतिरिक्त नई शर्तों में विधालय में विधार्थी-शिक्षक अनुपात 40:01 से ज्यादा नहीं होगा। हर विषय का एक शिक्षक होना आवश्यक होगा। विधालय द्वारा प्राप्त किये जा रहे शिक्षण शुल्क का हिसाब-किताब रखना पड़ेगा। शिक्षण शुल्क में से कम से कम 70% शैक्षिक व अन्य कर्मियों की उपलब्धियों पर खर्च करना पड़ेगा। इसके अतिरिक्त अब शिक्षकों, छात्रों की हाजिरी बोर्ड की वेबसाइट/पोर्टल पर हर कार्य दिवस में पोस्ट करनी पड़ेगी।
विधालय की वेबसाइट पर ईमेल,फोन नंबर के अतिरिक्त मूलभूत सुविधाओं जैसे भवन, कक्षों की संख्या, कंप्यूटर, खेल, पुस्तकालय, लाइट,पंखे इत्यादि का विवरण उपलब्ध करना पड़ेगा। योग्यता समेत शिक्षकों की जानकारी, कक्षावार छात्र- छात्राओं की संख्या, हर साल का रिजल्ट व शुल्क की जानकारी दिखानी पड़ेगी। पानी हेतु सबमर्सिबल, आरओ, पाइप पेयजल, ओवरहेड टैंक, हैंडवाश प्लेटफार्म, भिन्न-भिन्न उम्र के बच्चों की लंबाई के अनुसार भिन्न-भिन्न ऊंचाई के प्लेटफार्म की व्यवस्था करनी पड़ेगी। छात्र,छात्राओं के भिन्न-भिन्न शौचालय के अतिरिक्त दिव्यांगों हेतु उचित व्यवस्था करनी पड़ेगी ।
पूर्व में छात्रों की तादात के हिसाब से केवल शौचालय व पीने के पानी हेतु हैंडपंप या अन्य कोई उचित व्यवस्था की शर्त थी।अ ब मान्यता 30 साल की पंजीकृत लीज डीड पर भी दी जा सकती है। अनेक अन्य मानकों में भी बदलाव किये गये हैं।