लखनऊ 8 जनवरी 2023: स्वास्थ्य विभाग में मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय,मिर्जापुर से भर्ती होने वाले 64 कर्मचारियों की सेवा समाप्ति की तैयारी है। उ.प्र. सतर्कता अधिष्ठान (ईओडब्ल्यू) की जांच में इनकी भर्ती में नियम विरुद्ध की पुष्टि की है।
सीएमओ मिर्जापुर के अधीन मार्च 1996 से अप्रैल 1998 के बीच 64 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियम विरुद्ध तरीके से भर्ती हुई। मामला उच्च न्यायालय गया और वहां के आदेश पर जांच ईओडब्ल्यू के सुपुर्द की गयी गई। ईओडब्ल्यू ने 10 दिसंबर,2019 को समस्त भर्तियों में गड़बड़ी बताई। कहा,किसी को बिना पद एवं किसी के अभिलेखों में उलटफेर कर भर्ती कर लिया गया। इसी समय कोविड आ गया। प्रकरण शांत हो गया।।
अब, 11 नवंबर, 2022 को स्वास्थ्य महानिदेशालय ने नई रूपरेखा बनायी है। निरंतर प्राप्त हो रही शिकायतों के मददेनजर प्रस्ताव बनाया गया कि, अब चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के नियोक्ता सीएमओ की जगह निदेशक (प्रशासन) होंगे। एवं समस्त सीएमओ से जवाब माँगा गया कि, उनके यहां कर्मचारियों के घपले से संबंधित प्रकरण की क्या स्थिति है? निदेशक प्रशासन डॉ.राजा गणपति ने विगत15 नवंबर को मिर्जापुर के सीएमओ से जवाब माँगा है। जिस पर वहां के सीएमओ डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने समस्त कर्मचारियों को नोटिस देते हुए आखिरी सुनवाई हेतु 4 सदयों की कमेटी तैयार की है। कहा जाता है कि, 64 में 2 कर्मचारियों की मृत्यु हो गयी है। इसलिए 62 भर्ती के संबंध में15 दिन के अन्दर कमेटी के समक्ष सबूत उपलब्ध करानेके निर्देश दिये गये हैं। सबूतों की जाँच के पश्चात ही इनकी सेवा समाप्ति की कार्यवाही की जायेगी।
ये कर्मचारी अब मिर्जापुर, वाराणसी, भदोही, प्रयागराज समेत निकटवर्ती जनपदों में काम कर रहे हैं। जानकारों के अनुसार, अब अन्य जनपदों में की गयी अवैध भर्ती के दस्तावेजों की भी जाँच की जाएगी। इनमें सीएमओ कार्यालय, बलिया से साल 2009 से 2017 के मध्य की गयी 352 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों में 152 की भर्ती अवैध मिली है। प्रकरण की छानबीन की जा रही है। पीएल शर्मा जिला चिकित्सालय मेरठ में बैकलॉग के पद का प्रकरण अदालत में लंबित है। सीएमएस, कार्यालय जिला चिकित्सालय अंबेडकरनगर में 64 कर्मियों की अवैध भर्तियों के प्रकरण की भी जांच की जा रही है।